scriptपढ़े, आज हाथी के साथ निकलेगी शोभायात्रा | Read, today the procession will go out with elephant | Patrika News

पढ़े, आज हाथी के साथ निकलेगी शोभायात्रा

locationबेतुलPublished: Nov 15, 2019 09:07:42 pm

Submitted by:

Devendra Karande

श्री 1008 श्री मज्जिनेंद्र भव्य जिन बिम्ब प्रतिष्ठा पंचकल्याणक व नगर गजरथ महोत्सव का शुभारंभ शुक्रवार को परम पूज्य संत आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज, श्रमण मुनि श्री 108 अरिजीत सागर महाराज, श्रमण मुनि श्री 108 प्रणव सागर महाराज के पावन सानिध्य में किया गया। पांच दिवसीय महोत्सव के दौरान चौबीस तीर्थंकरों सहित 51 प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी।

पांच दिवसीय गजरथ महोत्सव का भव्य शुभारंभ

The five-day Gajrath festival has a grand opening

बैतूल। श्री 1008 श्री मज्जिनेंद्र भव्य जिन बिम्ब प्रतिष्ठा पंचकल्याणक व नगर गजरथ महोत्सव का शुभारंभ शुक्रवार को परम पूज्य संत आचार्य श्री 108 विशुद्ध सागर जी महाराज, श्रमण मुनि श्री 108 अरिजीत सागर महाराज, श्रमण मुनि श्री 108 प्रणव सागर महाराज के पावन सानिध्य में किया गया। पांच दिवसीय महोत्सव के दौरान चौबीस तीर्थंकरों सहित 51 प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा की जाएगी। इस दौरान गर्भ से लेकर मोक्ष तक संस्कार होंगे। इस दौरान मंच पर भगवान का जीवन चरित्र भी नाटक से बताया जाएगा। आयोजन समिति के अनुसार पांच दिनों में भगवान के नर से नारायण बनने की प्रक्रिया की जाएगी। इसके बाद प्राण प्रतिष्ठा होगी। पुराना रोजगार कार्यालय में कुएं के पानी से पांडाल का शुद्धिकरण एवं 21 फीट का ध्वज फहराकर महोत्सव का शुभारंभ किया गया।
आज यह होगे आयोजन
16 नवंबर को गर्भकल्याणक(उत्तररूप) सुबह 5. 45 बजे-मंगलाष्टक जाप्यानुष्ठान, श्रीजी का अभिषेक, याग मंडल आराधना, 9.30 बजे मुनिद्वय के प्रवचन, 12.30 बजे श्री भक्तामर महामंडल विधान, 48 दीपानुष्ठान, 2 बजे तीर्थकर माता की गोद भराई। (सीमंतनी की क्रिया विधि), 3.30 बजे मुनि श्री के मंगल प्रवचन, 4.30 बजे गर्भकल्याणक की आंतरिक क्रिया विधि, सायं 6.30 बजे हाथी पर आरतीकर्ता परिवार सहित भव्य आरती जुलुस मंदिर जी से प्रतिष्ठा स्थल तक, 7.15 बजे आरती शास्त्र सभा, माता का मंगल स्नान, माता का श्रृंगार, महाराजा नाभिराय द्वारा स्वप्न फलादेश
हाथी के साथ निकलेगा जुलूस
आज शनिवार को गजरथ महोत्सव के तहत हाथी के साथ जुलूस निकलेगा। शाम 6 बजे गर्भ कल्याण की आंतरिक क्रिया विधि के बाद हाथी पर आरतीकर्ता परिवार सहित आरती जुलूस मंदिर से पुराना रोजगार कार्यालय परिसर तक निकाला जाएगा।
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