पढि़ए, आखिर सीएमओ को क्यों करना पड़ी मां ताप्ती की पूजा-अर्चना
बेतुलPublished: Mar 16, 2019 07:37:06 pm
चार दिन की कड़ी मशक्कत के बाद ताप्ती बैराज से पानी की सप्लाई को पुन: शुरू कर दिया गया है। पाइप लाइन का बैंड टूटने के कारण खेड़ी ताप्ती से पानी की सप्लाई को बंद कर दिया गया था।
बैतूल। विधानसभा चुनाव के दौरान जल्दबाजी में नगरपालिका ताप्ती जल बैतूल तो ले आई लेकिन विधिवत रूप से मां ताप्ती की पूजा अर्चना नहीं की गई थी। जिसका परिणाम यह हुआ कि पिछले तीन महीनों से पाइप लाइन में लगातार दिक्कतें आ रही है। बार-बार लीकेज सहित टूट-फूट की दिक्कतों के चलते अधिकारी एवं कर्मचारी भी हताश होने लगे थे। पाइप लाइन से जुड़ी तमाम परेशानियों को झेलने के बाद आखिरकार नगरपालिका सीएमओ प्रियंका सिंह को शनिवार मां ताप्ती की शरण में जाना पड़ा। खेड़ी स्थिति पंप हाउस पर पंडित को बुलाकर मां ताप्ती की पूजा-अर्चना की गई। शांति के लिए नौग्रहों को भी पूजा गया। सीएमओ स्वयं एक घंटे तक पूजा में आसन लगाकर बैठी रही। इस पूजा के बाद ऐसा माना जा रहा है कि अब ताप्ती मैया की कृपा बैतूलवासियों पर हमेशा के लिए बनी रहेगी।
चार दिन की मशक्कत के बाद जुड़ी पाइप लाइन
चार दिन की कड़ी मशक्कत के बाद ताप्ती बैराज से पानी की सप्लाई को पुन: शुरू कर दिया गया है। पाइप लाइन का बैंड टूटने के कारण खेड़ी ताप्ती से पानी की सप्लाई को बंद कर दिया गया था। जिसके कारण फिल्टर प्लांट को ट्यूबवैल से भरा जा रहा था। इस स्थिति के चलते पिछले चार-पांच दिनों से शहर में भी पेयजल सप्लाई व्यवस्था ठप रही। पाइप लाइन को सुधारने के लिए दिन रात मशक्कत की गई। जिस जगह बैंड लगा था उस हिस्से को हटा दिया गया और लाइन को डायरेक्ट जोड़ा गया है ताकि पानी के प्रेशर में लाइन लीकेज न हो।
रात सवा नौ बजे शुरू हुई सप्लाई
शुक्रवार शाम को लाइन सुधारने लिए जाने के बाद रात ९.१५ बजे खेड़ी ताप्ती से मोटर पंप के माध्यम से पानी की सप्लाई बैतूल में की गई। रात करीब १२ बजे पानी फिल्टर प्लंाट पर पहुंचा। खाली हो चुके फिल्टर प्लांट को भरने में सुबह के ४.३० बजे गए थे। जिसके बाद पानी को फिल्टर कर सुबह ५ बजे से मोती वार्ड एवं कालापाठा टंकियों को भरा गया। शनिवार सुबह कुछ वार्डों में सप्लाई की गई लेकिन अधिकांश वार्डों में अभी भी सप्लाई सुचारू नहीं हो सकी है। खेड़ी ताप्ती पंप हाउस से २४० किलोवॉट की एक मोटर से ही पानी की सप्लाई की जा रही है जिसके कारण बैतूल तक पानी पहुंचने में प्रेशर कम आ रहा है। इस वजह से फिल्टर प्लांट से भी सप्लाई में दिक्कतें आ रही है।