पैसा कमाने के लिए सपेरों ने भोपाली मेले में कोबरों सांपों के मुंह पर चिपका रखी थी क्यूफिक्स। वन विभाग की कार्रवाई के बाद भागे सपेरे
rescued Cobra Snake Operated in Betul Animal Hospital Madhya Pradesh
बैतूल. शिवरात्रि के मेले में भोलेनाथ के भक्तों को लुभाने के लिए सपेरों ने जो किया उससे लोग हैरान हैं। वन विभाग की टीम ने 21 फरवरी को शिवरात्रि पर बैतूल जिले में लगने वाले भोपाली मेले में कार्रवाई कर सपेरों से चार सांप बरामद किए हैं, जिनके मुंह सिल दिए थे। इनमें से दो कोबरा के मुंह नाइलोन के धागे से सिले हुए थे। दो अन्य कोबरा के मुंह क्यूफिक्स से चिपके थे। सपेरों ने ऐसा इसलिए किया कि वे उन्हें लोगों के हाथ में देकर ज्यादा पैसे कमा सकें। अब इनका इलाज बैतूल के जिला पशु चिकित्सालय में चल रहा है।
IMAGE CREDIT: Patrika बड़े सांप एक बार कुछ खा लेते हैं तो 3 से 5 माह तक जीवित रह सकते हैं। पकड़े गए सांपों में एक का मुंह दो माह से बंद होना प्रतीत हो रहा है। ऐसे में इनका समय रहते कार्रवाई नहीं की जाती तो इनकी मौत हो सकती थी। कार्रवाई के दौरान सपेरे फरार हो गए। रानीपुर रेंजर सचिन गुप्ता ने बताया कि भोपाली मेले में सांपों को दिखाकर पैसे कमाने वालों से वन विभाग ने पांच सांप बरामद किए। इनमें चार कोबरा और एक सैंडबोआ (दोमुहा सांप) है।
IMAGE CREDIT: Patrikaऐसे किया ऑपरेशन बैतूल जिला पशु चिकित्सालय की डॉ. मृदुला सिन्हा ने बताया कि दो कोबरा के मुंह नाइलोन से सिले थे तो दो के मुंह क्यूफिक्स से चिपके थे। इसके लिए कोबरा को इंजेक्शन लगाया गया। पशु चिकित्सालय में इन्हें सीरिंज से पानी पिलाया फिर मशक्कत के बाद पशु चिकित्सक ने उनके मुंह खोले। अब सभी की हालत ठीक है।
क्रूरता करने वालों पर हो सकती है कार्रवाई सांप समेत अन्य वन्य जीवों पर क्रूरता करने वालों के विरुद्ध वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत करवाई की जाती है। मेरे कार्यकाल में पहली बार सांपों के साथ इस तरह का मामला सामने आया है। पुनीत गोयल, डीएफओ उत्तर वन मंडल बैतूल