बेतुल

तीन साल में 700 रुपए प्रति क्विंटल बढ़ गए सोयाबीन बीज के दाम

जिले में सोयाबीन उत्पादन के क्षेत्र में लगातार गिरावट आ रही है। वर्ष २०१८ की तुलना में इस साल सोयाबीन के रकबे में माइनस ४.०२ प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। जिससे सोयाबीन का रकबा घटकर १.९८ लाख हेक्टेयर हो गया है।

बेतुलJun 15, 2019 / 08:53 pm

ghanshyam rathor

Soyabean seed

बैतूल। जिले में सोयाबीन उत्पादन के क्षेत्र में लगातार गिरावट आ रही है। वर्ष २०१८ की तुलना में इस साल सोयाबीन के रकबे में माइनस ४.०२ प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। जिससे सोयाबीन का रकबा घटकर १.९८ लाख हेक्टेयर हो गया है। वहीं रकबे में गिरावट की वजह बीते तीन सालों में सोयाबीन बीज की दरों में ७०० रुपए प्रति क्विंटल तक का इजाफा होना बताया जा रहा है। इस साल सरकार ने सोयाबीन बीज का बाजार मूल्य ५८०० रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया है। जो वर्ष २०१८ की तुलना में १५० रुपए प्रति क्विंटल अधिक है। हालांकि सरकार बीज अनुदान देने की बात कर रही है लेकिन अभी तक अनुदान की राशि का निर्धारण शासन द्वारा नहीं किया गया है। इसके अलावा धान, मूंग, उड़द, मक्का, मूंगफल्ली, ज्वार, कोदो, कुटकी, रामतिल, तिल एवं अरहर जैसे बीज की दरों में भी भारी इजाफा किया गया है।
तीन सालों में ७००रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़े बीज के दाम
सोयाबीन बीज के दाम पिछले तीन सालों में ७०० रुपए प्रति क्विंटल तक बढ़े हैं। वर्ष २०१७ में जहां सोयाबीन बीज की दरें ५१०० रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित की गई थी। वहीं वर्ष २०१८ में ५५० रुपए की प्रति क्विंटल की वृद्धि के साथ इसकी दरें ५६५० रुपए पर पहुंच गई थी। वर्ष २०१९ में अब जो नई दरें सोयाबीन बीज की निर्धारित की गई है वह ५८०० रुपए प्रति क्विंटल है। हालांकि पिछले साल की तुलना में १५० रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा किया गया है, लेकिन पिछले तीन सालों में हुई वृद्धि से यदि इसकी तुलना की जाए तो ७०० रुपए प्रति क्विंटल तक सोयाबीन बीज की दरें बढ़ी है। यही कारण है कि पिछले तीन सालों की तुलना में जिले में सोयाबीन का रकबा भी कम हुआ है और अल्पवर्षा की वजह से इसमें लगातार गिरावट आ रही है।
मक्का और धान के बीज की दरें भी बढ़ाई
शासन ने मक्का और धान के बीज की दरों में भी बढ़ोत्तरी कर दी है। मक्के के रेट जहां पिछले ३५०० रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किए गए थे। वहीं इस साल मक्का बीज की दरों में २५० रुपए प्रति क्विंटल की वृद्धि करते हुए इसका शासकीय बाजार मूल्य ३७५० रुपए प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। इसी प्रकार धान (सुगंधित) के रेट पिछले साल जहां ४७०० रुपए प्रति क्विंटल थे। वहीं इस साल ५०० रुपए प्रति क्विंटल की बढ़ोत्तरी के साथ ५२०० रुपए प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं। वहीं मंूग की दर में १७०० रुपए प्रति क्विंटल का इजाफा करते हुए इसके रेत ९५५० रुपए कर दिए गए हैं। इसी प्रकार ज्वार की दरों में १०७० रुपए की वृद्धि की जाकर इसका बाजार मूल्य ४८५० रुपए प्रति क्विंटल किया गया है। जबकि पिछले साल ज्वार का मूल्य ३७८० रुपए था।
१५ वर्ष तक की अवधि फसलों पर ही मिलता है अनुदान
सरकार द्वारा बीज अनुदान सिर्फ १५ वर्ष तक की अवधि की फसलों के लिए ही दिया जाता है। हालांकि अभी शासन ने अनुदान की दरें निर्धारित नहीं की है। बताया गया कि सोयाबीन फसल १५ वर्ष की अवधि वाली में एक हजार रुपए का अनुदान दिया गया है। इसमें जो वैरायटी आती है वह ९३०५, ९५६०, ९७५२ शामिल है। जबकि सोयाबीन की १५वर्ष की अवधि से अधिक में किसी प्रकार का शासकीय अनुदान नहीं दिया गया है। इनमें ३३५ एवं एनआरसी ३७ जैसी वैरायटी शामिल है। इसी प्रकार धान की दो अलग-अलग वैरायटियों में भी १० वर्ष की अवधि के अनुसार अनुदान की दरें निर्धारित की गई है। शासन द्वारा १० एवं १५ वर्ष की अवधि के अंदर की समस्त प्रकार की फसलों पर अनुदान जारी किया गया है।
हाईब्रिड बीज की तरफ ज्यादा झुकाव
खेती के मामले में हाईब्रिड बीज किसानों की पहली पसंद बन रहा है। किसानों में हाईब्रिड वैरायटी के बीज को लेकर खासी डिमांड रहती है, क्योंकि सोसायटी से दिए जाने वाले बीज के मुकाबले हाईब्रिड बीज थोड़ा बेहतर बताया जाता है। इसलिए किसानों का ज्यादा झुकाव हाईब्रिड की तरफ ही है। जो स्थिति है उसमें बाजार में मिलने वाला सोयाबीन हाईब्रिड वैरायटी का बीज छह हजार क्विंटल के आसपास बिक रहा है। इसी प्रकार अन्य प्रकार के हाईब्रिड बीज भी बाजार में काफी महंगे हैं। सरकारी बीज को लेकर किसानों के अंदर एक डर यह भी बना रहता है कि बीज कहीं फेल न हो जाए।
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