बेतुल

सारनी का अपर रेस्ट हाउस और इरेक्टर हॉस्टल ठेके पर देने से दो दर्जन मजूदर बेरोजगार

आईसीएच अपर रेस्ट हाउस और इरेक्टर हॉस्टल की संपूर्ण जिम्मेदारी अब इंडियन कॉफी हाउस संभालेगी

बेतुलJan 16, 2019 / 11:09 pm

rakesh malviya

सारनी का अपर रेस्ट हाउस और इरेक्टर हॉस्टल ठेके पर देने से दो दर्जन मजूदर बेरोजगार

सारनी. अपर रेस्ट हाउस और इरेक्टर हॉस्टल की संपूर्ण जिम्मेदारी अब इंडियन कॉफी हाउस संभालेगी। इसकी संपूर्ण प्रक्रिया लगभग पूरी हो गई है। हालही में मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी मुख्यालय जबलपुर से सिविल अधिकारी द्वारा इरेक्टर हॉस्टल और अपर रेस्ट हाउस का निरीक्षण किया है। इतना ही नहीं। आईसीएच के कर्मचारी कहां निवास करेंगे। इसका भी सर्वे कर मुख्यालय को रिपोर्ट प्रस्तुत की है। सबकुछ आईसीएच के पक्ष में रहा तो जनवरी माह के अंत तक स्टॉफ सारनी पहुंच जाएगा। हालांकि ऐसा होने से दो दर्जन से अधिक कर्मचारी बेरोजगारी की कगार पर आ खड़े होंगे। इसके लिए पत्राचार भी जारी है। लेकिन कंपनी स्तर के निर्णय का बदलना मुश्किल है। हालांकि अपर रेस्ट हाउस और इरेक्टर हॉस्टल में कार्यरत मजदूरों ने केबिनेट मंत्री सुखदेव पांसे को ज्ञापन सौंपकर इसे मजदूर विरोधी निर्णय बताया है। ज्ञापन सौंपने वालों में गुनीलाल सिंगारे, भोला यादव, गुलाब आरसे, पवन बिसंद्रे, रमेश सोनी, विनोद बिसंद्रे, सुमित हुरमाड़े, अंकित नागले, नवीन, अजीत राज, मुकेश सिंगारे, मनीष गोहे, हरिराम धोटे, श्रीकांत राणे, नीलेश समेत अन्य मजदूर शामिल है। दरअसल इन्होंने इसके अलावा कोई दूसरा कार्य नहीं किया है। सभी मजदूर मुख्यमंत्री कमलनाथ से मांग कर रहे हैं कि आपकी 70 फीसदी स्थानीय मजदूरों को रोजगार उपलब्ध कराने की नीति आईसीएच पर भी लागू की जाए
20 लाख के काम पर एक करोड़ खर्च
मौजूदा हाल में 20 लाख रुपए सालाना खर्च पर काम चल रहा है। लेकिन जब यही कार्य आईसीएच द्वारा पूर्ण किया जाएगा तो एक करोड़ रुपए खर्च होंगे। दरअसल इंडियन कॉफी हाउस को संपूर्ण सुविधा मुहैया कराने की जिम्मेदारी सतपुड़ा ताप विद्युत गृह की होगी। ऐसे में कंपनी को नुकसान तो होगा ही दो दर्जन मजदूर भी बेरोजगार हो जाएंगे। बताया जा रहा है कि इन दोनों स्थानों पर कार्यरत मजदूर मामूली वेतन पर वर्षों से सेवाएं दे रहे हैं। रोजगार छिनने की प्रक्रिया चलने से मजदूरों में मायूषी छा गई है
तीन साल के लिए हुआ है ठेका
इंडियन कॉफी हाउस को अपर रेस्ट हाउस और इरेक्टर हॉस्टल का काम तीन साल के लिए मिला है। बताया जा रहा है कि तीन माह पहले मुख्यालय से प्रपोजल आया था। जिसमें दोनों स्थानों की संपूर्ण जानकारी मांगी गई थी। संबंधित विभाग द्वारा यह जानकारी मुख्यालय को उपलब्ध कराई। इसके बाद मुख्यालय से ही बिना किसी सर्वे आईसीएच को काम दे दिया गया। 20 जनवरी को जिम्मेदारी भी संभालने की प्रक्रिया चल रही है। तीन साल में आईसीएच को सतपुड़ा प्रबंधन 50 आवास, बिजली, पानी, स्कूल, आवागमन की संपूर्ण सुविधा मुहैया कराने के अलावा 1 करोड़ 40 लाख रुपए भी देगी। पूरे समय दो वाहन, 90 लाख रुपए के बर्तन भी उपलब्ध कराएगी। जबकि वर्तमान में तीन साल में यह कार्य महज बिना किसी सुविधा के 50 लाख रुपए में पूर्ण होता है। इसका सीधा मतलब है कि इससे कंपनी को प्रतिवर्ष एक करोड़ से अधिक का नुकसान वहन करना पड़ेगा। बावजूद इसके गलत नीति बनाकर मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी में लागू की जा रही है।

Home / Betul / सारनी का अपर रेस्ट हाउस और इरेक्टर हॉस्टल ठेके पर देने से दो दर्जन मजूदर बेरोजगार

Copyright © 2024 Patrika Group. All Rights Reserved.