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पढ़े, एसडीएम ने कहा वाट्सएप पर देखा है आदेश ऑफिशियली नहीं मिला

locationबेतुलPublished: Aug 26, 2019 09:00:23 pm

Submitted by:

Devendra Karande

नगरीय निकाय चुनाव के ठीक छह माह पहले सीमा वृद्धि एवं वार्डों की संख्या निर्धारण को लेकर नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग मंत्रालय द्वारा संशोधित समय-सारणी के आदेश जारी कर दिए गए हैं, लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारियों को इस आदेश की कोई जानकारी ही नहीं है।

सीमावृद्धि की कोई कार्यवाही नहीं हुई

The primary publication related to increase / contraction was to be done on August 14, which could not be done.

बैतूल। नगरीय निकाय चुनाव के ठीक छह माह पहले सीमा वृद्धि एवं वार्डों की संख्या निर्धारण को लेकर नगरीय प्रशासन एवं आवास विभाग मंत्रालय द्वारा संशोधित समय-सारणी के आदेश जारी कर दिए गए हैं, लेकिन जिला प्रशासन के अधिकारियों को इस आदेश की कोई जानकारी ही नहीं है। अधिकारियों का कहना था कि हमनें भी वाट्सएप पर आदेश की काफी देखी है लेकिन कोई ऑफिशियली आदेश जारी नहीं हुए हैं इसलिए सीमावृद्धि की कोई कार्यवाही नहीं हो सकी है। हालांकि पूर्व में नगरपालिका द्वारा सीमा वृद्धि का प्रस्ताव बनाकर अनुविभागीय राजस्व अधिकारी कार्यालय में भेजा गया था लेकिन विभाग द्वारा यह बताया गया कि पंचायतों ने नगरीय क्षेत्र में शामिल होने से मना कर दिया है। इसलिए सीमा वृद्धि नहीं हो सकी। वहीं नगरपालिका द्वारा वार्डों का आरक्षण एवं परिसिमन पूर्व में ही किया जा चुका हैं।
आठ पंचायतों को शामिल करने का था प्रस्ताव
नगरपालिका परिषद बैतूल के प्रस्ताव २६४ दिनांक ८ अगस्त २०१८ अनुसार नगरीय सीमा से लगे ग्रामों को नगरपालिका सीमा में वृद्धि कर शामिल किया जाना था। इनमें ग्राम पंचायत टेमनी, कोसमी, कढ़ाई, दनोरा, बडोरा, आरूल, बाजपुर, मरामझिरी के आंशिक भाग एवं पूर्ण भाग को शामिल किए जाने के लिए प्रस्तावित किया गया था। शासन द्वारा जारी राजपत्र एवं नपा परिषदों से प्राप्त सीमा वृद्धि के प्रस्ताव अनुसार ग्राम पंचायतों या उनके आंशिक हिस्सो को शामिल किए जाने के लिए कार्यवाही पूर्ण करने के लिए निर्देशित किया गया था, लेकिन एसडीएम कार्यालय की माने तो पंचायतों ने नगरीय क्षेत्र में शामिल होने से मना कर दिया है।ऐसे में सीमा वृद्धि को लेकर दोबारा से नगरीय प्रशासन द्वारा आदेश जारी किए हैं लेकिन इसमें भी समय-सीमा निकल चुकी है।
१४ अगस्त को होना था प्राथमिक प्रकाशन प्रक्रिया
वर्ष २०२० में होने वाले नगरीय निकाय चुनावों को देखते हुए नगरीय विकास एवं आवास विभाग उप सचिव ने पहले जनवरी माह में ही नगरीय क्षेत्रों में सीमावृद्धि की कार्यवाही के लिए समयावधि निर्धारित कर दी थी।जिसके तहत १० फरवरी को सीमावृद्धि संबंधी प्राथमिक प्रकाशन किया जाना था। वहीं १० मार्च को दावे-आपत्तियों के निराकरण के पश्चात अंतिम प्रकाशन किया जाना था, लेकिन लोकसभा चुनाव के चलते यह कार्यवाही समय-सीमा में पूर्ण नहीं हो सकी। जिसके कारण नगरीय प्रशासन एवं आवास विकास मंत्रालय द्वारा पुन: सीमा वृद्धि, वार्डों की संख्या निर्धारण, वार्ड विभाजन तथा आरक्षण संबंधी कार्यवाही के लिए संशोधित समय-सारणी जारी की। जिसमें १४ अगस्त को प्राथमिक प्रकाशन किए जाने की प्रक्रिया नहीं हो सकी है। अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने वाट्सएप पर यह आदेश देखा है लेकिन ऑफिशियली आदेश उन्हें नहीं मिला है इसलिए कार्यवाही नहीं हो सकी है।
कार्यकाल पूर्ण होने के छह माह पहले करना थी प्रक्रिया
मध्यप्रदेश नगरपालिका अधिनियम १९६१ की धारा २९ तथा मध्यप्रदेश नगरपालिक निगम अधिनियम १९५६ की धारा १० में संशोधन कर निम्नानुसार प्रावधान किए गए हैं। जिसमें नगर निगम, नगरपालिका के कार्यकाल की पूर्णता के छह माह पूर्व क्षेत्र में सम्मिलित किए जाने या हटाए जाने अथवा वार्डों के सुधार की प्रक्रिया अनिवार्य पूर्ण लिए जाने के निर्देश दिए हैं। अन्यथा राज्य निर्वाचन आयोग पूर्व निर्धारित एवं प्रचलित परिसीमन के आधार पर निर्वाचन प्रक्रिया प्रारंभ करेगा। साथ ही यह निर्देशित किया गया था कि ऐसे नगरीय निकाय जिनके निर्वाचन वर्ष २०२० में संपन्न होना है उनमें जनसंख्या के आधार पर यदि सीमावृद्धि की कार्यवाही की जाना है तो कार्यवाही यथास्थिति प्रारंभ कर समय-सीमा में अनिवार्य रूप से पूर्ण कर ली जाए।
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