नलजल योजना का हाल काफी बुरा हैं और इसका सही लाभ ग्रामीणों को नहीं मिल पा रहा हैं। ग्रामीणों ने नलजल योजना का लाभ दिलाने की मांग की है। उन्होंने आरोप लगाया कि पंचायत विकास कार्यो के नाम पर खानापूर्ति कर रही है। गर्मी में लोगों को बूंद बूंद पानी के लिए तरसना पड़ रहा है, लेकिन फिर भी जिमेदार मौन है। ग्रामीणों की समस्या तक नहीं सुनी जा रही। ग्रामीणों में आक्रोश है।
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ग्रामीणों का आरोप
ग्रामीणों ने पंचायत सचिव पर लापरवाही के आरोप लगाते हुए हटाने की मांग की। राजेश सिंह कुशवाह, दयाल चौहान ने बताया कि गांव में जलस्रोत का गहरीकरण मशीनों से किया जा रहा है। लोगों को गांव में रोजगार नहीं मिल रहा। पानी की समस्या दिनोंदिन विकराल होते जा रही। सचिव द्वारा ग्रामीणों की समस्या नहीं सुनी जाती। गरीबी रेखा का राशन कार्ड बनाने, पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए पात्र ग्रामीण भटक रहे है। ग्रामीणों ने मांग की कि उनकी समस्या का शीघ्र निराकरण किया जाए।
हर साल पानी समस्या से जूझ रहे ग्रामीणजन
ग्रामीण महेन्द्र सिंह चौहान, राजेश सिंह कुशवाह, सोहन सिंह कुशवाह, दयाल चौहान, राजेश पटेल, रूप सिंह चौहान ने बताया कि गांव में वर्षो से पानी की समस्या है। आज तक किसी भी जनप्रतिनिधि द्वारा पानी की समस्या का हल नहीं किया गया। जबकि इसको लेकर सभी वरिष्ठ अधिकारियों एवं जनप्रतिनिधियों को आवेदन देकर अवगत कराया जा चुका है, लेकिन किसी ने अभी तक पेयजल संकट की इस समस्या का समाधान नहीं किया है। ग्रामीण महिलाओं ने कहा कि अगर पानी की व्यवस्था नहीं की जाती है तो हमें उग्र आंदोलन के लिए बाध्य होना पड़ेगा।
NOC की वजह से रुका काम
बैतूल पीएचई विभाग एसडीओ रवि वर्मा का कहना है कि, ग्राम उमरिया में टंकी और संपवेल नहीं बना है। वन विभाग की एनओसी के कारण काम रूका हुआ है। फिलहाल पाइप से डायरेक्ट सप्लाई की जा रही है। ट्यूबवेल में पानी कम हो गया है, इसकी सूचना मिली है। कर्मचारियों को भेजकर जांच कराई जायेगी। यथासंभव हो तो दूसरा ट्यूबवेल कराया जाएगा।
'आरोपों की जांच कराई जा रही है'
जनपद पंचायत आमला के सीईओ दानिश अहमद खान का कहना है कि, सूचना मिली थी। ग्रामीणों की समस्या सुनी। कुछ समस्याओं का तत्काल निराकरण कर दिया गया है। ग्रामीणों ने सचिव पर आरोप भी लगाए थे। जिसकी जांच कराई जाएगी।
आधे घंटे में मिलता है सिर्फ एक बाल्टी पानी
ग्राम उमरिया में नलजल योजना स्वीकृत है। पाइप लाइन बिछा दी। योजना के तहत दो ट्यूबवेल भी खनन किए, लेकिन अब तक टंकी व संपवैल का निर्माण नहीं कराया गया। हैंडपंपों पर दंबगों का कब्जा है, तो 8 दिन में नलजल से पानी की डायरेक्ट सप्लाई की जा रही है। शीलाबाई, चित्रा राठौर, इतेच्छी कुशवाह ने बताया कि आधे घंटे में एक बाल्टी पानी मिल पाता है। आधे घरों में पानी पहुंचा तो आधे घरों में नहीं। शिकायत के बाद भी अधिकारी नहीं सुनते। इससे लोगों को पेयजल की समस्या से जूझने को मजबूर होना पड़ रहा है।
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