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प्रदेश की प्रावीण्य सूची में शीतल और यश सातवें और नौंवे स्थान पर रही यश्वी

locationबेतुलPublished: Jul 04, 2020 09:57:34 pm

Submitted by:

Devendra Karande

पिछले चार वर्ष से कक्षा दसवी एमपी बोर्ड परीक्षा प्रदेश की प्रावीण्य सूची से जिले का नाम नदारद था। शनिवार दोपहर घोषित हुए कक्षा दसवी के रिजल्ट में इस बार जिले से तीन छात्रों ने जगह बनाई गई है। सातवें स्थान पर उत्कृष्ट स्कूल बैतूल की शीतल मानकर और यश इंगले रहे हैं। इसी प्रकार मुलताई शाउमावि की छात्रा ने यश्वी रघुवंशी ने प्रावीण्य सूची में नौवा स्थान हासिल किया है।

प्रदेश प्रावीण्य सूची में शीतल

Two excellent school students involved

बैतूल। पिछले चार वर्ष से कक्षा दसवी एमपी बोर्ड परीक्षा प्रदेश की प्रावीण्य सूची से जिले का नाम नदारद था। शनिवार दोपहर घोषित हुए कक्षा दसवी के रिजल्ट में इस बार जिले से तीन छात्रों ने जगह बनाई गई है। सातवें स्थान पर उत्कृष्ट स्कूल बैतूल की शीतल मानकर और यश इंगले रहे हैं। इसी प्रकार मुलताई शाउमावि की छात्रा ने यश्वी रघुवंशी ने प्रावीण्य सूची में नौवा स्थान हासिल किया है। जिससे शिक्षा विभाग में खुशी का माहौल है। जिले का रिजल्ट कुल ६५.१२ फीसदी रहा है,जो कि पिछले वर्ष की तुलना में लगभग सात फीसदी कम है। हमेशा की तरह इस बार बोर्ड परीक्षा में छात्राओं ने बाजी मारी है। छात्राओं का रिजल्ट ६८.२८ प्रतिशत रहा है। वही छात्रों का रिजल्ट ६१.७८ प्रतिशत रहा है। प्राइवेट स्कूल का रिजल्ट १७.७३ प्रतिशत रहा है। कोरोना के चलते रिजल्ट देरी से घोषित किया गया।
माध्यमिक शिक्षा मंडल बोर्ड द्वारा शनिवार दोपहर कक्षा दसवी के रिजल्ट घोषित किए गए। डीइओ एलएल सुनारिया ने बताया कि जिले में नियमित परीक्षार्थियों के रुप में १९७७३ दर्ज में से १९६६२ परीक्षार्थी परीक्षा में शामिल हुए। प्रथम श्रेणी में ६८७१, द्वितीय श्रेणी में ५७०६ विद्यार्थी पास हुए। पूरक विद्यार्थियों की सं या २५१९ रही। ५८७४ छात्र और ६८२९ छात्राएं इस तरह कुल १२७४३ उत्तीर्ण हुए। २४११ छात्र और १८९४ छात्राएं फेल हो गए। सुनारिया ने बताया कि प्रदेश स्तर पर शासकीय स्कूलों का परिणाम निजी स्कूलों की तुलना में दो प्रतिशत अधिक रहा है। इसी तरह राज्य स्तर पर ग्रामीण क्षेत्रों का परिणाम शहरी क्षेत्र के स्कूलों के बराबर ही रहा है। छात्रों ने मोबाइल और कियोस्क पर रिजल्ट देखा। स्कूलों में भी भीड़ नहीं लगी।
उत्कृष्ट स्कूल के दो छात्र प्रदेश प्रावीण्य सूची में
रिजल्ट के बाद उत्कृष्ट स्कूल के विद्यार्थी शीतल मानकर, यश इंगले, जिले की टॉप थ्री सूची में आने वाली साक्षी मानकर स्कूल पहुंची। स्कूल प्राचार्य राकेश दीक्षित और शिक्षकों ने छात्रों को मिठाई खिलाई। वर्ष २०१६ के बाद स्कूल के छात्रों के प्रदेश की मेरिट सूची में आने से स्कूल में ाुशी का माहौल रहा। प्राचार्य दीक्षित ने बताया कि पांच से छह बच्चे मेरिट सूची में आने की उ मीद थी। लेकिन कुछ अंकों से पीछे रह गए हैं। स्कूल की टॉप थ्री सूची में भी स्कूल के ११ बच्चों ने जगह बनाई है। प्राचार्य ने छात्रों की सफलता के लिए शिक्षकों की मेहनत बताया है। प्राचार्य दीक्षित ने बताया कि कोरोना के कारण हिन्दी मीडियम का स्पेशल हिन्दी और इंग्लिश मीडियम के दो पेपर स्पेशल इंग्लिश और सामान्य हिन्दी के पेपर नहीं हो सके थे। जो पेपर नहीं हुए थे उनमें पास लिखा गया है। बाकी प्रश्न पत्रों की परीक्षा के आधार पर रिजल्ट तैयार किया गया है।
बैंकिंग के क्षेत्र में जाना चाहती है शीतल
प्रदेश की प्रावीण्य सूची में शीतल मानकर ने सातवां स्थान हासिल किया है। शीतल को ३०० में से २९७ अंक मिले हैं। छात्रा को गणित विषय में १०० में से १०० और आईटी मेें १०० में से १०० नंबर मिले हैं। शहर के रामनगर निवासी उत्कृष्ट स्कूल बैतूल की छात्रा शीतल मानकर ने बताया कि उनके पिता सतीश मानकर ऑटो पाटर््ंस की दुकान में काम करते हैं। लक्ष्य तो टॉप फाइव में आने का रखा था। साइंस में नंबर कम मिलने से पीछे रह गई। बेहतर रिजल्ट के शिक्षकों और परिवार को लोगों का सहयोग रहा। कोचिंग के साथ ही रोजाना तीन से चार घंटे पढ़ाई की। भविष्य में बैंकिंग के क्षेत्र में जाना चाहती हूं। कक्षा दसवी में बड़ी बहन के भी ९४ प्रतिशत अंक हासिल किए थे। पिता ने अच्छे अंक लाने के लिए प्रेरित किया।
सा टवेयर इंजीनियर बनेगा यश
प्रदेश की प्रावीण्य सूची में ही प्रदेश में सातवां स्थान हासिल करने वाले चिचोली निवासी उत्कृष्ट स्कूल बैतूल के छात्र यश इंगले सा टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं। यश को ४०० में से ३९६ अंक मिले हैं। यश को सामाजिक विज्ञान में १०० में से १०० और गणित में १०० में से ९९ अंक मिले हैं। यश ने बताया कि उसके पिता मेघराज इंगले जूते-चप्पल की दुकान लगाते हैं। बैतूल में उत्कृष्ट छात्रावास में रहकर पढ़ाई की। यश ने बताया कि सफलता से लिए चार-पांंच घंटे पढ़ाई की। कोचिंग का सहारा भी नहीं लिया। यश ने बताया कि सफलता के पीछे शिक्षक और परिजनों सभी ने सहयोग किया। ईमानदारी से मेहनत करने पर सफलता जरुर मिलती है।
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