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छह करोड़ वैट टैक्स का बकाया, वसूलने सेलटैक्स ने चलाया अभियान

locationबेतुलPublished: Jan 17, 2019 06:40:18 pm

Submitted by:

ghanshyam rathor

वैट खत्म होने के बाद जो असिस्मेंट (कर निर्धारण) किए गए उसमें व्यापारियों पर करोड़ रुपए का टैक्स बकाया होना सामने आ रहा है। जिसकी वसूली के लिए वाणिज्यकर कार्यालय द्वारा तीन अलग-अलग टीमें गठित कर अभियान चलाने की तैयारी की जा रही है।

Commercial office

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बैतूल। ३० जून २०१७ को सरकार ने देश में वैट टैक्स को खत्म कर जीएसटी लागू कर दिया है, लेकिन वैट खत्म होने के बाद जो असिस्मेंट (कर निर्धारण) किए गए उसमें व्यापारियों पर करोड़ रुपए का टैक्स बकाया होना सामने आ रहा है। जिसकी वसूली के लिए वाणिज्यकर कार्यालय द्वारा तीन अलग-अलग टीमें गठित कर अभियान चलाने की तैयारी की जा रही है। अभियान के तहत करीब ६०० व्यापारियों से वसूली की जाना है। पूर्व में इन्हें विभाग के माध्यम से राशि जमा किए जाने के लिए नोटिस भी जारी किए गए थे, लेकिन व्यापारियों द्वारा नोटिस को हल्के में लिए जाने के बाद वाणिज्यकर कार्यालय द्वारा बैंक खातों का अटैचमेंट करने सहित चल-अचल संपत्ति की कुर्की जैसी कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।
छह करोड़ रुपए बकाया
जिले में पंजीकृत व्यापारियों की संख्या ६ हजार के लगभग होना बताई जाती है। इनमें से ६०० व्यापारियों पर वैट अधिनियम के अंतर्गत पूर्व वर्षों की टैक्स पेनाल्टी राशि बकाया होना बताई जाती है। तकरीबन छह करोड़ रुपए बकाया होना बताया जा रहा है। जिसकी लंबे समय से वसूली के लिए वाणिज्यकर विभाग द्वारा प्रयास किए जा रहे हैं। पूर्व में बकायादारों को विभाग के माध्यम से नोटिस भी जारी किए गए थे लेकिन नोटिस का कोई जवाब नहीं दिया गया और न ही राशि जमा की गई। जिसके बाद अब विभाग द्वारा एकतरफा कार्रवाई किए जाने का मन बना लिया गया है।
वसूली के लिए तीन टीमों का गठन
वैट अधिनियम के अंतर्गत पूर्व की बकाया राशि की वसूली के लिए वाणिज्यकर विभाग द्वारा तीन टीमों का गठन किया गया है। यह टीमें आगामी मार्च तक वसूली की कार्रवाई करेंगी। उच्च विभाग से मिले आदेश के बाद सख्ती से वसूली के लिए पहली बार विभाग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। जिसमें बकायादारों के बैंक खाते अटैचमेंट करने की कार्रवाई की जाएगी। यानि बैंक खातों में जो राशि जमा हैं उसे लिंक कर खाते से निकाला जाएगा। इसके अलावा बकायादारों की चल-अचल संपत्ति की कर्की की कार्रवाई भी की जाना है। विभाग ने कार्रवाई से बचने के लिए व्यापारियों से समय पर राशि जमा किए जाने के कहा है।
रिटर्न जमा नहीं करने वालों के पंजीयन होंगे निरस्त
वाणिज्यकर विभाग द्वारा जीएसटी रिटर्न जमा कराए जाने पर विशेष फोकस किया जा रहा है। जिन व्यापारियों द्वारा छह महीने से अधिक समय तक रिटर्न जमा नहीं किया गया है उनके जीएसटी पंजीयन निरस्त किए जा सकते हैं। वाणिज्यकर वृत्त प्रभारी ने बताया कि शासन द्वारा देरी से रिटर्न जमा करने पर लगने वाली पेनाल्टी को माफ कर दिया गया है, लेकिन इसके बाद भी बहुत से पंजीयकृत व्यापारियों को इसकी जानकारी नहीं होने के कारण उनके द्वारा रिटर्न जमा नहीं किया जा रहा है। इसके लिए वृत्त कार्यालय के अधिकारियों एवं कर्मचारियों द्वारा संपर्क कर व्यापारियों को जानकारी दी जा रही है। ताकि वे समय पर रिटर्न जमा कर दें। वृत्त प्रभारी ने बताया कि सरकार ने सितंबर २०१८ तक की पेनाल्टी को माफ किया है जबकि रिटर्न भरना जरूरी है। समय पर रिटर्न जमा नहीं करने वाले व्यापारियों की संख्या लगभग दो हजार से ऊपर बताई जाती है। जिन्हें डिफाल्टर की श्रेणी में रखा गया है।
इनका कहना
– वैट अधिनियम के अंतर्गत पूर्व वर्षों की बकाया राशि की वसूली के लिए विभाग द्वारा अभियान चलाया जा रहा है। करीब छह करोड़ रुपए वसूल किया जाना है। हमारे द्वारा तीन टीमें गठित की गई है जो वसूली की कार्रवाई करेगी।
– युवराज पाटीदार, वाणिज्यकर अधिकारी बैतूल।

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