scriptस्टॉप डैम के पिल्लर पर मौत की छलांग लगाकर स्कूल पहुंचते हैं छात्र | Students reach school with death jump on stop dam's pillar | Patrika News

स्टॉप डैम के पिल्लर पर मौत की छलांग लगाकर स्कूल पहुंचते हैं छात्र

locationबेतुलPublished: Aug 03, 2019 09:22:47 pm

Submitted by:

ghanshyam rathor

इस नजारे को देखकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे। ये नजारा बैतूल जिले के भीमपुर मुख्यालय के पास बड़ी पुलिया वाली नदी का है, जहां स्कुली छात्र-छात्राएं पुरानी पुलिया तोड़ दिए जाने से अपनी जान को हथेली पर रखकर स्टॉप डैम के पिल्लरों पर से छलांग लगाकर नदी पार करने को मजबूर है।

stop dam

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बैतूल। इस नजारे को देखकर आपके भी रोंगटे खड़े हो जाएंगे। ये नजारा बैतूल जिले के भीमपुर मुख्यालय के पास बड़ी पुलिया वाली नदी का है, जहां स्कुली छात्र-छात्राएं पुरानी पुलिया तोड़ दिए जाने से अपनी जान को हथेली पर रखकर स्टॉप डैम के पिल्लरों पर से छलांग लगाकर नदी पार करने को मजबूर है। छात्रों की जरा सी चूक से उनकी जान भी जा सकती है। छात्र भीमपुर ब्लॉक मुख्यालय के माध्यमिक,हाइस्कूल और हायर सेकंडरी स्कूल इसी तरह पहुंचते हैं। इसके बावजूद विभाग के जिम्मेदारी अधिकारियों का इस ओर कोई ध्यान नहीं है। यही आलम रहा तो यहां पर भविष्य में गंभीर घटना हो सकती है।
ग्रामीण अखिलेश श्रीवास ने बताया कि भंैसदेही से भीमपुर तक केसीसी कंपनी ने सड़क निर्माण के दौरान यहां बने पुलिया को तोड़कर नई पुलिया का निर्माण करना था ,लेकिन चार माह बीत जाने के बाद भी कंपनी ने नवीन पुलिया का काम पूरा नहीं किया है। ग्रामीणों के आवागमन के लिए निर्माण कंपनी ने नदी पर पाइप लगाकर एक एप्रोच मार्ग भी बनाया था, लेकिन पहली बारिश में वह भी बह गया। पुलिया बहने से लगभग आधा सैकड़ा गांवों का संपर्क भीमपुर मुख्यालय से टूट गया है। जिससे आसपास के गांवों छिंदीखापा, जामुनढाना, पानडोल के बच्चों को भीमपुर मुख्यालय के स्कूल माध्यमिक, हाइस्कूल और हायरसेकंडरी पहुंचने के लिए छात्र पुलिया से कुछ दूरी पर ही बने स्टॉप डैम के पिल्लर से कूदकर स्कूल पहुंचते हैं। कई बार नदी में पानी अधिक होने से छात्रों को घंटों नदी के पास ही बैठते हैं। देर रात में बच्चे गांव पहुंचते हैं। ग्रामीणों को भी अपनी जरुरतों की चीजों के लिए भीमपुर इसी तरह आना पड़ता है। अगर हालात ऐसे ही रहते है तो पूरे वर्षा काल यहां से नदी पार करने वाले स्कुली बच्चों और ग्रामीणों को जान जोखिम में डालकर यहां से गुजरना पड़ेगा। स्टॉप डैम के पिल्लरों के सहारे नदी पार करने पर थोड़ी चूक से छात्रों की जान भी जा सकती है।
आधा सैकड़ा गांवों का टूटा संपर्क
एप्रोच मार्ग के बाढ़ में बह जाने से 40 से 50 गावों से सीधा सड़क संपर्क टूट गया है। ग्रामीण परेशान हो रहे हैं। इस पुलिया को पूरा कराने अभी तक भी प्रसासनिक स्तर पर कोई ठोस कदम नही उठाए गए हैं। जिससे भविष्य में कोई बड़ी जनहानि भी हो सकती है। ग्रामीण भी पुलिया के नहीं बनने से परेशान हो रहे हैं।
इनका कहना
ऐसी स्थिति वाले क्षेत्र में स्कूल नहीं लगाने के सभी बीआरसी को निर्देश दिए गए हैं। बच्चो की सुरक्षा का पूरा ध्यान रखा जाएगा। बच्चो की सुरक्षा को लेकर कोई लापरवाही सामने आती है तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
आईडी बोडख़े, डीपीसी बैतूल।

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