इंटर कनेक्टिंग ट्रांसफॉर्मर, प्लांट की परफार्मेंस और खरपतवार पर हुई चर्चा
सारनी. देर शाम सारनी पहुंचे प्रमुख सचिव ऊर्जा मोहम्मद सुलेमान ने पावर हाउस चार में पॉवर जेनरेटिंग कंपनी के आलाअफसरों की बैठक ली। पावर प्लांट के परफॉर्मेंस, इंटरकनेक्टिंग ट्रांसफार्मर (आईसीटी) और बिजली उत्पादन में जलीय खरपतवार बाधा नहीं बने। इसको लेकर आवश्यक चर्चा कर संबंधित विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए। बताया जाता है कि आईसीटी ट्रांसफार्मर 220 केवी लाइन को 400 केवी में परिवर्तित करने में सहायक है। वहीं सतपुड़ा पॉवर हाउस की 6 , 7, 8 और 9 नंबर इकाई के प्रदर्शन को लेकर जरूरी चर्चा की।यह चारों इकाइयां मार्च माह से रिटायर करने की योजना है। राजनीतिक दबाव बढ़ता भी है तो 1 साल से ज्यादा इन इकाइयों को नहीं चलाया जा सकता। दरअसल इन इकाइयों से मापदंड के विपरीत राख उत्सर्जित हो रही है। जिससे पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है। प्रमुख सचिव ऊर्जा ने बैठक में यह भी कहा कि बिजली उत्पादन में जलीय खरपतवार बाधा नहीं बने। इसका विशेष ध्यान रखें। बैठक में पावर हाउस से निकलने वाली राख का अधिक से अधिक उपयोग हो सके इसको लेकर सीएचपी में सीमेंट क्लींकर ग्रेंडिंग यूनिट विषय पर चर्चा की। बैठक से पहले प्रमुख सचिव ऊर्जा ने अपर रेस्ट हाउस से ही सतपुड़ा जलाशय की सतह पर तैरती खरपतवार देखी। बैठक लेने के उपरांत कलेक्टर जेतस्वी एस नायक और उर्जा प्रमुख सचिव मो. सुलेमान पैदल ही अपर रेस्ट हाउस से चर्चा करते हुए स्कीमर वाल तक जा पहुंचे और करीब से जलीय खरपतवार को देखा। इसके बाद प्रमुख सचिव उर्जा और कलेक्टर ने जलीय खरपतवार को लेकर क्या निर्णय लिया।यह तो आगामी दिनों में ही पता चलेगा। गौरतलब है कि 1 करोड़ 36 लाख रुपए में मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी ने 7 लाख 52 हजार 100 वर्ग मीटर के विभिन्न क्षेत्रों की सफाई के लिए टेंडर निकाला था। इस कार्य को एमबी कंपनी ने 24 लाख रुपए कम दर पर यानी की 1 करोड़ 12 लाख रुपए में लिया था।वीड हार्वेस्टर मशीन से जलाशय की सफाई करने का प्रयास कंपनी द्वारा किया गया। लेकिन सफल नहीं हुए तो मजदूरों से सफाई कराई जा रही है। वहीं पॉवर हाउस सारनी में प्रस्तावित 6 60 मेगावाट यूनिट के पर्यावरण स्वीकृति के लिए एनजीटी की छह सदस्यी टीम 25 नवंबर को सारनी आने की संभावना जताई जा रही है।
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