scriptकलेक्टर पहुंचे तहसील लापता थे अधिकारी फोन कर ऑफिस बुलवाया | The Collector, who was missing from Tehsil, called the office and called the office | Patrika News

कलेक्टर पहुंचे तहसील लापता थे अधिकारी फोन कर ऑफिस बुलवाया

locationबेतुलPublished: Sep 14, 2018 09:38:59 pm

Submitted by:

ghanshyam rathor

प्रशासनिक कसावट के उद्देश्य से कलेक्टर शशांक मिश्र ने शुक्रवार सुबह साढ़े दस बजे तहसील सहित एसडीएम कार्यालय पहुंचकर छापामार कार्रवाई की

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बैतूल। प्रशासनिक कसावट के उद्देश्य से कलेक्टर शशांक मिश्र ने शुक्रवार सुबह साढ़े दस बजे तहसील सहित एसडीएम कार्यालय पहुंचकर छापामार कार्रवाई की। दोनों की कार्यालयों में अधिकारियों के उपस्थित नहीं होने पर उन्होंने फोन कर उन्हें कार्यालय में तलब किया। तहसील कार्यालय में निरीक्षण के दौरान कर्मचारी भी समय पर उपस्थित नजर नहीं आए। टेबलों पर पेडिंग फाइलों के ढेर पड़े हुए थे। जिन्हें कलेक्टर द्वारा जब्त कर अपनी गाड़ी में रखवाया गया। न्यायालय अपर तहसीलदार, नकल शाखा कक्ष का भी कलेक्टर द्वारा निरीक्षण कर व्यवस्थाएं देखी गई। यहां भी पेडिंग फाइलों को जब्त कर अधिकारियों को काम समय-सीमा में पूर्ण करने की हिदायत दी गई। कलेक्टर ने अनुपस्थित कर्मचारियों का सात दिन का वेतन काटने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने स्वयं हाजरी रजिस्टर बुलवाकर अनुपस्थित कर्मचारियों की गैरहाजरी भी लगाई। बैतूल में कार्रवाई के बाद कलेक्टर खेड़ीसांवलीगढ़ कोर्ट भी निरीक्षण के लिए पहुंचे थे।
नकल शाखा में रजिस्टर चेक किया
कलेक्टर ने तहसील न्यायालय का निरीक्षण करने के बाद बगल में स्थित नकल शाखा में पहुंचकर दस्तावेजों की जांच-पड़ताल की। नकल रजिस्टर में दिनांक का उल्लेख नहीं होने पर कलेक्टर द्वारा आपत्ति ली गई और मोबाइल पर ही वाट्सएप पर तत्काल नकल जारी करने के निर्देश दिए। यदि किसी को नकल की हार्डकाफी चाहिए तो उसे शाखा से उपलब्ध कराई जाए। कलेक्टर ने शाखा में कम्प्यूटर लगाए जाने के लिए भी निर्देशित किया। वहीं तहसील कार्यालय में राजकिशोर धुर्वे और इंद्रकला बाई घोड़की पांच दिन से अनुपस्थित पाए गए। इसके अलावा अन्य कर्मचारियों के भी वेतन काटे जाने के निर्देश दिए हैं। उल्लेखनीय हो कि कलेक्टर कुछ माह पहले भी इसी तरह से तहसील कार्यालय का औचक निरीक्षण कर चुके हैं। उस समय भी फाइलों की पेंडेंसी मिलने पर उन्होंने कड़ी नाराजगी व्यक्त की थी और कार्य में सुधार करने के निर्देश दिए थे लेकिन इसके बाद भी पुराने ढर्रे पर काम चल रहा था। मामले की लगातार शिकायतें मिलने के बाद आखिरकार कलेक्टर को कार्रवाइ के लिए तहसील कार्यालय का निरीक्षण करने जाना पड़ा।

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