प्रदेश के सभी थर्मल पॉवर प्लांट कोयला संकट से जूझ रहे हैं। प्रमुख तीनों प्लांटों में महज एक से डेढ़ दिन का कोल स्टॉक है। यही वजह है कि सभी विद्युत इकाइयों को सुबह के समय पूरी क्षमता और दोपहर बाद से कम लोड पर चलाया जा रहा है। ताकि कोयले की खपत कम हो और प्लांट चलते रहे। यदि सभी प्लांटों को क्षमतानुरूप चलाया जाए तो कोयले की कमी से विद्युत इकाइयां बंद करने की नौबत आने से इंकार नहीं कर सकते। तीनों प्रमुख प्लांटों में कोयले की स्थिति चिंताजनक है। सिंगाजी पॉवर प्लांट में तो सिर्फ एक ही दिन का कोल स्टॉक है।
कोयले की कमी के चलते सतपुड़ा ताप विद्युत गृह सारनी की 200 या 210 मेगावाट की एक इकाई लगातार बंद रखी जा रही है। यह इकाई एक-दो नहीं। बल्कि बीते कई महीनों से बंद रखी जा रही है। इससे सतपुड़ा के विद्युत उत्पादन लगातार प्रभावित हो रहा है। बावजूद इसके कोयला संकट की वजह से इकाई चालू नहीं की जा रही। बुधवार को सतपुड़ा की 6, 8, 9 नंबर इकाई को 150-150 मेगावाट और 10-11 नंबर इकाई को 165-165 मेगावाट के लोड पर चलाया गया। यानी की सभी इकाइयां क्षमता से कम लोड पर चलाई जा रही है। इन इकाइयों में फिलहाल 15 हजार मीट्रिक टन कोयले की खपत हो रही है। जबकि पूरी क्षमता से चलाने पर 19 हजार मीट्रिक टन कोयले की आवश्यकता पड़ेगी।
दिनांक – डिमांड (2018) डिमांड (2017)
22 दिसं. – 13, 264 – 11, 809
23 दिसं. – 13, 284 – 12, 008
24 दिसं. – 13, 640 – 11, 925
25 दिसं. – 13, 642 – 12, 041
26 दिसं. – 13, 705 – 12, 035
(नोट :- वर्ष 2017-18 में 22 से 26 दिसंबर के बीच बिजली की मांग मेगावाट में इस तरह रही।)
प्लांट – उत्पादन – क्षमता – स्टॉक
सतपुड़ा – 864 – 1330 – 36,000
बिरसिंहपुर – 1039 – 1340 – 37,000
सिंगाजी – 1168 – 1860 – 35,000
अमरकंटक- 216 – 210 – 51,000
(नोट :- बिजली उत्पादन, क्षमता मेगावाट में हैं। कोल स्टॉक मीट्रिक टन में हैं।)
क्रिटिकल कोल की वजह से 7 नंबर इकाई बंद है। सतपुड़ा से 864 मेगावाट के आसपास बिजली उत्पादन हो रहा है। कोल स्टॉक 36 हजार मीट्रिक टन के करीब है। विदेशी कोयले की अब तक तीन रैक आई है।
अमित बंसोड़, पीआरओ, सतपुड़ा ताप गृह, सारनी।