मांचीगांव में बनाया दो करोड़ से ताप्ती मंदिर
इस बार यात्रा में खास बात यह है कि यात्रा में गुजरात के जित्तू भाई, मलेय भाई और करषन भाई भी शामिल हो रहे हैं। इनके द्वारा दो करोड़ रुपए की लागत से मांचीगांव में तात्पी का मंदिर बनाया है।
इस बार यात्रा में खास बात यह है कि यात्रा में गुजरात के जित्तू भाई, मलेय भाई और करषन भाई भी शामिल हो रहे हैं। इनके द्वारा दो करोड़ रुपए की लागत से मांचीगांव में तात्पी का मंदिर बनाया है।
७० पड़ाव में पूरी होगी यात्रा – मां ताप्ती की यह पद यात्रा ७० पड़ाव में पूरी होती है। इन सभी पड़ावों पर श्रद्धालु रुकते हैं। ग्रामीणों द्वारा पद यात्रियों का स्वागत किया जाता है। वर्ष २००६ मेंं जब यह यात्रा शुरू हुई थी तब इसमें २२ लोग शामिल थे। अब इसमें लगभग दो सैकड़ा लोग शामिल हो रहे हैं।
कई धार्मिक स्थल आए सामने –
कई धार्मिक स्थल आए सामने –
पदयात्री राजेश दीक्षित ने बताया कि मां ताप्ती की पदयात्रा से लोगों में मां ताप्ती को लेकर जागरुकता आई है। ताप्ती किनारे कई दर्शनीय स्थल सामने आए हैं। अब पूजा-पाठ और मेला लगने लगा है। पहले लोग मां नर्मदा नदी पहुंचते थे और अब मां ताप्ती को महत्व देने लगे हंैं।
ऐसे हुई यात्रा की शुरुआत
मां ताप्ती पद यात्रा की शुरुआत का आधार स्तंभ बैतूल में कलेक्टर रहे डीएस राय को माना जाता है। उन्होंने ने अपनी कलेक्टरी के दौरान बैतूल में वर्ष १९९८ में परिक्रमा का सुझाव दिया था। जिसे अमल में लाते-लाते ०८ वर्ष लग गए। समय-समय पर केके पांडे, उषा द्विवेदी, भाजपा जिलाध्यक्ष जितेन्द्र सहित अन्य लोग जुड़ते गए। रिटायर्ड आईएएस राय मॉ ताप्ती की यात्रा में कही न कही जरुर पहुंचते हैं। इस बार भी वे मुलताई पहुंच गए हैं।
मां ताप्ती पद यात्रा की शुरुआत का आधार स्तंभ बैतूल में कलेक्टर रहे डीएस राय को माना जाता है। उन्होंने ने अपनी कलेक्टरी के दौरान बैतूल में वर्ष १९९८ में परिक्रमा का सुझाव दिया था। जिसे अमल में लाते-लाते ०८ वर्ष लग गए। समय-समय पर केके पांडे, उषा द्विवेदी, भाजपा जिलाध्यक्ष जितेन्द्र सहित अन्य लोग जुड़ते गए। रिटायर्ड आईएएस राय मॉ ताप्ती की यात्रा में कही न कही जरुर पहुंचते हैं। इस बार भी वे मुलताई पहुंच गए हैं।