डॉक्टर दूल्हे की बैलगाड़ी से निकली बारात
गांव में बनी चर्चा का विषय।
डॉक्टर दूल्हे ने बैलगाड़ी से बारात निकाली।
बेतुल
Updated: April 21, 2022 09:33:30 pm
बैतूल। शादी में दिखावे के इसे जमाने में डॉक्टर दूल्हे की बैलगाड़ी से निकली बारात लोगों में चर्चा का विषय बनी हुई। बुधवार रात चिचोली के दूधिया गांव में हुई शादी में ग्राम अषाढ़ी से बारात बैलगाड़ी से पहुंची। शादी की रस्मों के बाद दुल्हन को भी बैलगाड़ी से ही घर लगाया गया। बैलगाडिय़ों को आकर्षक रुप से सजाया गया था।
चिचोली ब्लॉक के ग्राम अषाढ़ी निवासी डॉ राजा धुर्वे एमबीबीएस हैं और बैतूल में बच्चों की कोचिंग कक्षाएं चलाते हैं। २० अप्रेल को उनकी शादी हुई। ग्राम अषाढ़ी से पास में ही गांव दूधिया बारात गई। दूल्हा सहित पूरी बारात बैलगाड़ी से पहुंची। इस दौरान बैलगाड़ी को आकर्षक रुप से सजाया गया था। गांव में जब बैलगाड़ी से बारात पहुंती तो लोग देखते ही रह गए। बैलगाड़ी को देखकर लोग चर्चा करने लगे आज के जमाने में भी यह सब। वही कुछ लोगों ने अपनी परंपरा अनुसार बैलगाड़ी से बारात ले जाने पर सराहना करने से भी नहीं चूके। शादी की पूरी रस्में होने के बाद दुल्हन को भी बैलगाड़ी में ही बैठाकर घर लाया गया। शादी के दौरान आदिवासी ढोल-ढमाके भी लोगों के आकर्षण का केन्द्र रहे।
संस्कृति को जीवित करने लिया फैसला
दूल्हा डॉ राजा धुर्वे का कहना था कि अपने सामाजिक, सांस्कृतिक मूल्यों को सहेजने और लोगों को महंगाई के दौर में सादा जीवन-उच्च विचार सिखाने का इससे अच्छा मौका नहीं हो सकता था। उनके मुताबिक महंगाई के इस दौर में बैलगाड़ी सबसे सस्ता सुलभ और प्रदूषणमुक्त साधन है। बैलगाड़ी ग्रामीण सभ्यता संस्कृति की पहचान है। इसलिए अपनी संस्कृति को पुनर्जीवित करने के लिए उन्होंने बैलगाड़ी पर बारात ले जाने का फैसला किया।

The procession came out of the bullock cart of the doctor groom
पत्रिका डेली न्यूज़लेटर
अपने इनबॉक्स में दिन की सबसे महत्वपूर्ण समाचार / पोस्ट प्राप्त करें
अगली खबर
