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वाटर प्लांटों तक ही सीमित है शुद्ध पानी की गुणवत्ता

locationबेतुलPublished: Mar 18, 2023 09:16:57 pm

Submitted by:

rakesh malviya

- जिले के तीनों ब्लाकों में 21 प्लांटों से हो रहा पानी का वितरण

वाटर प्लांटों तक ही सीमित है शुद्ध पानी की गुणवत्ता
हरदा. शहर में संचालित वाटर प्लांट में आरओ फिल्टर से शुद्ध किया जा रहा पानी।
हरदा. घरों एवं सरकारी कार्यालयों तक शुद्ध पानी पहुंचाने के लिए जिले में करीब 21 वाटर प्लांट संचालित हो रहे हैं। प्रतिदिन जहां से हजारों लीटर पानी दिया जा रहा है। लेकिन इस पानी की गुणवत्ता प्लांटों तक सीमित है। जबकि पानी की शुद्धता जांचने का जिम्मा खाद्य एवं औषधि विभाग के पास है। मगर प्लांटों के भरोसे ही नागरिकों को शुद्ध पानी उपलब्ध हो रहा है।
जिले में हो रहा 4 हजार कैन का वितरण
जानकारी के मुताबिक शहर में हरदा शहर में 13 प्लांट स्थापित हुए थे, लेकिन इनमें से दो प्लांट आर्थिक समस्या के चलते बंद हो गए। वर्तमान में 11 प्लांटों का संचालन हो रहा है। इसी तरह टिमरनी 2, खिरकिया 3, हंडिया 2, सिराली 2, रहटगांव में 1 प्लांट से नागरिकों को पानी दिया जा रहा है। हरदा शहर में लगभग रोजाना 3 हजार कैन, वहीं पूरे जिले में लगभग 4 से साढ़े 4 हजार कैन पानी घरों, सरकारी, प्राइवेट कार्यालयों और दुकानों पर वितरित होता है।
500 टीडीएस का पानी पीने योग्य नहीं
उल्लेखनीय है कि प्लांटों में बोरिंग खनन किए गए हैं। बोरिंग से निकला पानी 500 टीडीएस (टोटल डिसॉल्वर्ड सॉलिड्स) मात्रा का होता है, जो पीने लायक नहीं होता है। इस पानी को प्लांट में लगे आरओ फिल्टर प्लांट में 110 से 120 टीडीएस शुद्ध करके इसे 20 लीटर की कैन में भरकर बांटा जा रहा है। पानी की जांच उपकरण के माध्यम से होती है, जिससे पता चलता है कि पानी कितने टीडीएस का का है और पीने योग्य है या नहीं।
प्लांट लगाने लिया ऑनलाइन सर्टिफिकेट
प्लांट संचालकों ने बताया कि सूक्ष्म लघु उद्योग निगम को प्लांट लगाने के लिए ऑनलाइन आवेदन किया गया था। इसके बाद संपूर्ण प्रक्रिया होने के बाद ही प्लांट संचालन के लिए सर्टिफिकेट दिया गया था। इसके बाद ही प्लांट स्थापित हुए हैं।
वाटर प्लांटों पर महंगाई की मार
संचालक मुईन अख्तर खान ने बताया कि कोरोना कॉल के दौरान लॉकडाउन लगा था। लेकिन लॉकडाउन खुलने पर वाटर प्लांटों पर महंगाई की मार बढ़ गई। उन्होंने बताया कि आर्थिक संकट की वजह से दो प्लांट बंद हो गए। जिसमें बिजली की बिल अधिक, पेट्रोल-डीजल के दाम में वृद्धि जैसे कारण शामिल हैं। पूर्व में 350 ब्रांडेड कंपनी की कैन मिलती थी, जो अब 700 रुपए में मिल रही है।
वाटर प्लांट वाली खबर का वर्जन....
इनका कहना है
जल्द ही शहर व तहसीलों में स्थापित वाटर प्लांटों का निरीक्षण करने के लिए अभियान चलाया जाएगा। प्लांटों में पानी की शुद्धता व संचालन के दस्तावेजों की जांच की जाएगी।
आरके कांबले, खाद्य सुरक्षा अधिकारी, हरदा
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