जलसंसाधन विभाग बैतूल डिविजन के अंतर्गत 79 जलाशय, सापना मध्यम परियोजन सहित 3 बैराज आते हैं। इस साल अल्पवर्षा के चलते इन जलाशयों में सूखे के हालात बने हुए हैं। चिलकापुर, कोलगांव, सेहरा एवं मारू जलाशय में 26 से 50 प्रतिशत जलभराव हुआ है। कुर्सी जलाशय में 51 से 75 प्रतिशत के बीच भरा हुआ है। जबकि 76 से 100 प्रतिशत के बीच खामला और कुंड जलाशय भरे होना बताए जा रहे हैं। हालांकि शतप्रतिशत जल भराव अभी तक किसी भी जलाशय में नहीं हो सका है।
अल्पवर्षा के चलते जिले के 31 जलाशयों में एक बूंद पानी तक नहीं आया है। जिसके कारण इन जलाशयों का एलएसएल लेबल (न्यूनतम जल स्तर) जीरो प्रतिशत होना बताया जा रहा है। इनमें बोरगांव-२ कोदारोटी, गोलीबरगी, झगडिय़ा, झाड़ेगांव, खंडारा, अपरजावरा, बरेठा, बुड्ढी, चिलम टेकड़ी, देशावाड़ी, दुल्हारगढ़, हाथीकुंड, मोतीढाना, निशाना, पहावाड़ी, पाथई, पॉवरझंडा, सालीमेट, पूंजी, रावणवाड़ी, भीकुंड, बोरगांव, धनगांव, जामझिरी, जूनावानी, कोलगांव, मच्छी, पिपरिया, रामजीढाना, रायता, सिवनपाट शामिल है। इन जलाशयों में हालात सूखे जैसे हैं।
जिन क्षेत्रों में अच्छी बारिश हुई है वहां जलाशयों में जलभराव की स्थिति बेहतर होना बताई जा रही है। बैतूल डिविजन के कुल 17 जलाशयों में 11 से 25 प्रतिशत के बीच होना बताया जा रहा है। इनमें बलईमाल, नांदरा, देवपुर, पाटाखेड़ा, सरंडई गोराखार, कोसमी, उड़दन, डोडाजाम, जगधर, गोंडीगौला, गोदना, भीमपुर, लाखापुर, गुनघाटी, चिखली, लक्कडज़ाम शामिल है। इन जलाशयों में जलस्तर न्यूनतम जलस्तर से सिर्फ एक मीटर ऊपर होना बताया जाता है।
मध्यम परियोजना सापना में जलस्तर 3.293एमसीएम(मिलियन क्यूबिक मीटर) होना बताया जा रहा है। जबकि जलाशय की जलभराव क्षमता 14.316 एमसीएम है। जलाशय को पूरा भरने के लिए 11.023 एमसीएम पानी की आवश्यकता है। बताया गया कि सापना जलाशय का एसएसएल लेबल (न्यूनतम जल स्तर) 686.100 एमसीएम है। वर्तमान में जलाशय में एलएसएल लेबल से 688.027 एमसीएम होना बताया जा रहा है। जो एसएसएल लेबल 1.927 एमससीएम ऊपर है।
जलाशयों में जलभराव की स्थिति
0 प्रतिशत जलभराव 31 जलाशय
1 से 10 प्रतिशत जलभराव 25 जलाशय
11 से 25 प्रतिशत जलभराव 17 जलाशय
26 से 50 प्रतिशत जलभराव 04 जलाशय
51 से 75 प्रतिशत जलभराव 01 जलाशय
76 से 100 प्रतिशत जलभराव 02 जलाशय