scriptजलाशय किनारे की खरपतवार बनेगी बारिश में मुसीबत | The reservoir will become weeds of the shore trouble in the rain | Patrika News

जलाशय किनारे की खरपतवार बनेगी बारिश में मुसीबत

locationबेतुलPublished: Jun 11, 2019 10:57:09 pm

Submitted by:

pradeep sahu

सतपुड़ा डेम की खरपतवार तवा डेम इटारसी के लिए बनेगी परेशानी की वजह

जलाशय किनारे की खरपतवार बनेगी बारिश में मुसीबत

जलाशय किनारे की खरपतवार बनेगी बारिश में मुसीबत

सारनी. बढ़ते तापमान और अल्पवर्षा से पहले ही जलाशय में पानी कम है। ऊपर से बढ़ते जलीय खरपतवार ने मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी को ङ्क्षचता में डाल दिया है। आनन-फानन में कंपनी द्वारा जलाशय की सफाई का टेंडर तो निकाला है, लेकिन सफाई का काम सिर्फ औपचारिक प्रतीत हो रहा है। ऐसा इसलिए कहा जा रहा है। क्योंकि ठेका कंपनी द्वारा नियम, शर्तों का पालन बिलकुल भी नहीं किया जा रहा। खासबात यह है कि इसकी जानकारी सतपुड़ा ताप विद्युत गृह प्रबंधन से लेकर मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी मुख्यालय जबलपुर तक सभी को है फिर भी ठेका कंपनी के विरूद्ध कार्रवाई करने के बजाय संरक्षण प्रदान किया जा रहा है। नियम के अनुसार जलाशय की सफाई पूरी तरह मशीन से करानी है, लेकिन ठेका कंपनी द्वारा यह जोखिम भरा कार्य मजदूरों से कराया जा रहा है। वहीं जलाशय से निकलने वाली खरपतवार दोबारा डेम में नहीं पहुंचे। इसके लिए ठेका कंपनी को 4 किलोमीटर की दूरी पर ऐसी जगह खरपतवार नष्ट करना था जहां जीव, जंतु और मानव पर इसका दुष्प्रभाव नहीं पड़े। लेकिन इसके ठीक विपरीत ठेका कंपनी द्वारा जलाशय से महज 100 से 200 मीटर की दूरी पर जलीय खरपतवार स्टॉक की जा रही है। जहां से बारिश के दिनों में पानी के साथ बहकर पुन: जलाशय में पहुंच जाएगी।
तवा डेम इटारसी पर मंडरा रहा खतरा- महज आठ माह में 2975 एकड़ क्षेत्रफल में फैले सतपुड़ा जलाशय को चाइनिज झालर और जलकुंभी ने अपने आगोश में ले लिया। इसी से अंदाजा लगा सकते हैं कि कितनी तेजी से यह खरपतवार फैलती है। बारिश के दिनों में डेम के गेट खुलने पर यह खरपतवार बहकर तवा डेम इटारसी पहुंचेगी। इसके अलावा नदियों में भी इसका प्रभाव देखा जा सकेगा। गौरतलब है कि तवा डेम इटारसी में देनवा और तवा नदी का पानी पहुंचता है। इसी के साथ जलीय खरपतवार भी डेम में पहुंचने से इंकार नहीं किया जा सकता। बताया जा रहा है कि वर्ष 2017-18 में तवा डेम इटारसी के गेट नहीं खुले। इस वजह से डेम में टापू दिखाई देने लगे हैं। लेकिन खरपतवार नहीं है।
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