पुलिसकर्मियों ने जब इसका विरोध किया तो पंडोले सडक़ पर ही अद्र्धनग्न अवस्था में लेट गए। बाद में पुलिसकर्मियों ने सख्ती दिखाते हुए उनके दोनों पैर और हाथ पकडक़र उन्हें सडक़ से उठाकर अलग कर दिया। इस दौरान पुलिसकर्मियों से उनकी काफी बहस भी हुई। पंडोले नामांकन दाखिल करने के लिए अंदर जाने की जिद्द पर अड़े रहे। आखिर में पुलिसकर्मियों द्वारा उन्हें अंदर जाने दिया गया लेकिन कलेक्टोरेट के गेट पर पहुंचने के बाद उन्हें पुन: रोक दिया गया। जब उन्होंने नामांकन दाखिल किए जाने की बात पुलिसकर्मियों से कहीं तो उन्हें समर्थक एवं प्रस्ताव के बारे में पूछा गया लेकिन उनके साथ कोई भी नहीं था। जिस पर पुलिसकर्मियों ने पहले समर्थक एवं प्रस्ताव को साथ लाने की बात कही। जिसके बाद पंडोले अपनी साइकिल उठाकर प्रस्तावक को बुलाने निकल पड़े लेकिन दोपहर तीन बजे तक वापस नहीं लौटे।
उल्लेखनीय हो कि समाजसेव चंद्रशेखर पंडोले इससे पहले भी क्षेत्र की समस्याओं को लेकर प्रदर्शन कर चुके है। ज्ञात हो कि विगत दिनों पूर्व में क्षेत्र की समास्याओं को लेकर पंडोले ने नगर में लगे मोबाइल टॉवर एवं टंकी पर चढक़र प्रदर्शन कर क्षेत्र की समस्या हल करने के लिए प्रदर्शन किया था। पंडोले इस प्रदर्शन की वजह से भले ही आज नामांकन दाखिल नहीं कर पाए हो लेकिन इस हाईवोल्टेज ड्रामे से उन्होंने सभी का ध्यान आकर्षित किया।