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पिता को अभी तक आस बंधी थी कि मेरे बेटे वापस आएंगे अब वह भी खत्म हो गई

locationबेतुलPublished: Sep 14, 2018 09:08:35 pm

Submitted by:

ghanshyam rathor

ग्राम कल्याणपुर में रहने वाले दो सगे भाईयों की मौत की खबर जब आठ साल बाद उनके पिता ६४ वर्षीय मक्खू यादव को पता चली तो बेटों के घर लौटने की आखरी उम्मीद भी खत्म हो गई।

the killing

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बैतूल। जिला मुख्यालय से १५ किमी दूर ग्राम कल्याणपुर में रहने वाले दो सगे भाईयों की मौत की खबर जब आठ साल बाद उनके पिता ६४ वर्षीय मक्खू यादव को पता चली तो बेटों के घर लौटने की आखरी उम्मीद भी खत्म हो गई। अखबार में सीरियल किलर आदेश खामर द्वारा हत्या किए जाने की खबर पढऩे के बाद जब वे पाढर चौकी पहुंचे तो पुलिस का रवैया आठ साल पहले जैसा ही नजर आया। चौकी में पदस्थ पुलिसकर्मी का कहना था कि जब भोपाल से बुलावा आएगा तो तुम्हें बुलवा लिया जाएगा अभी घर जाओ। खबर को मिले तीन दिन हो चुके हैं लेकिन पुलिस की तरफ से कोई सूचना अभी तक परिजनों को नहीं दी गई है। मक्खू यादव का कहना था कि उनके बेटे तो इस दुनिया से चले गए लेकिन पुलिस द्वारा उनकी कोई खबर हमें नहीं बताई जा रही है।
आठ साल पहले लापता हुए थे दोनों भाई
मक्खू यादव के कुल छह बेटे हैं। इनमें सबसे बड़ा कमलेश खेती करता है। जबकि २३ वर्षीय राजेश और २१वर्षीय मनोज ड्रायवरी किया करते थे। वहीं अन्य दो भाई महेश और सनोज भी ड्रायवरी करते हैं। मक्खु यादव ने बताया कि राजेश और मनोज नागपुर की गोधरा कंपनी में ड्रायवरी का काम करते थे। वे २३ अप्रैल २०१० को छत्तीसगढ़ से ग्वालियर लोहा लेकर निकलने थे। २६ अप्रैल को वे कल्याणपुर आए थे। रात में खाना खाकर वे रूके थे और अगले ही दिन ग्वालियर के लिए निकल गए थे। फोन पर उनकी बात अपने भाई महेश से हुई थी कि वे ब्यावरा के पास मिलेंगे, लेकिन ओबेदुल्लागंज से पहले बुदनी के आगे उनका ट्रक खराब हो गया था। तब राजेश ने अपने भाई महेश को फोन लगाया था लेकिन महेश गाड़ी चलाने के कारण फोन नहीं उठा पाया था, बाद में उसने फोन लगाया लेकिन फोन नहीं लगा। तीन दिन तक दोनों भाईयों के फोन नहीं आने पर पिता मक्खू की चिंता बढ़ गई और उन्होंने महेश को फोन लगाकर उनकी खैरियत के बारे में पूछा लेकिन उसे भी कोई जानकारी नहीं थी। इसके बाद ट्रक मालिक से बात की लेकिन उन्होंने भी दोनों का पता नहीं था। दोनों बेटों के लापता होने पर मक्खू यादव सीधे पाढर चौकी पहुंचे और गुमशुदगी रिपोर्ट दर्ज कराने के लिए आवेदन दिया लेकिन पाढर चौकी प्रभारी ने घटना स्थल न होने की बात कहकर आवेदन लेने और गुमशुदगी दर्ज करने से मना कर दिया। इस बीच राजेश का ट्रक यूपी बार्डर के पास पुलिस को लावारिस हालत में पड़ा मिला लेकिन दोनों भाई मृत पड़े थे। पहचान नहीं होने के कारण पुलिस ने उन्हें दफना दिया था। इधर पाढर चौकी द्वारा गुमशुदगी दर्ज नहीं लिखने पर मक्खू यादव होशंगाबाद पहुंच गए और डीआईजी से मिले। उन्हें चौकी प्रभारी द्वारा गुमशुदगी दर्ज नहीं लिखे जाने की बात कहीं। डीआईजी के हस्ताक्षेप के बाद ६ मई २००८ को पाढर चौकी में गुमशुदगी दर्ज की गई,लेकिन पुलिस ने दोनों की कोई खोज खबर नहीं ली। जिससे दोनों भाईयों का पता नहीं चल सका था। जब पुलिस ने मुख्य आरोपी आदेश खामर को गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसके द्वारा कल्याणपुर के दोनों भाईयों की हत्या करना स्वीकार किया गया। जिसके बाद परिजनों को उनकी हत्या के बारे में पता चल सका।
छह भाईयों में से सिर्फ तीन ही बचे
मक्खू यादव के छह बेटों में से सिर्फ तीन ही जिंदा है। सीरियल किलर आदेश खामरा द्वारा वर्ष २००८ में राजेश और मनोज की हत्या कर भिंड जिले में फैंक दिया गया था। वहीं मुकेश यादव की खेत में करंट लगने से मौत हो गई थी। वर्तमान में कमलेश, सनोज और महेश भर है। सनोज और महेश ड्रायवरी करते हैं और कमलेश खेती कर रहा है। मक्खू खेत में बने घर में ही अपने परिवार के साथ रहते हैं। उनका घर मुख्य सड़क से करीब एक किमी अंदर की तरफ बना हुआ है। मक्खू यादव का कहना था कि वे भोपाल जाएंगे और आरोपी से मुलाकात करेंगे। उससे बात करेंगे कि आखिर उसने दोनों भाईयों को किस लिए मारा। फिलहाल राजेश और मनोज की खबर सामने आने के बाद पूरा परिवार गमगीन माहौल में है।
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