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देखें video- नदी की बाढ़ में फंसा ट्रेक्टर, बह गई किताबें अब कैसे पढ़ेगें बच्चे ?

locationबेतुलPublished: Aug 08, 2020 05:37:14 pm

Submitted by:

Shailendra Sharma

बाढ़ में नदी पार कर रहा था ट्रैक्टर, ट्राली में रखी किताबें बहीं, स्कूलों बांटने के लिए ले जाई जा रही थीं किताबें..

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बैतूल. पढ़ेगा इंडिया तभी तो बढ़ेगा इंडिया..ये स्लोगन सुनने में कितना अच्छा लगता है लेकिन आखिर ऐसे कैसे पढ़ेगा इंडिया ? ये सवाल एक बार फिर सामने है। वजह है जिम्मेदारों की लापरवाही, जी हां एक बार फिर मध्यप्रदेश में जिम्मेदार अधिकारियों की लापरवाही के कारण बच्चों का भविष्य अंधकारमय होता नजर आता है दरअसल वजह ये है कि जिन किताबों को स्कूलों में बांटा जाना था वो नदी की बाढ़ में या तो बह गईं या फिर भीग गई हैं। मामला बैतूल जिले का है।

बाढ़ में फंसा ट्रैक्टर, बह गईं ट्रॉली में रखी किताबें
मामला बैतूल जिले के भीमपुर ब्लॉक का है जहां चांदू और धामन्या हाईस्कूल में छात्रों को बांटी जाने वाली किताबों को लेकर जा रहा ट्रैक्टर नदी की बाढ़ में फंस गया। ट्रेक्टर चालक ने धामन्या के पास ताप्ती नदी की बाढ़ में ही ट्रेक्टर उतार दिया और नदी पार करने की कोशिश की। नदी की बीच धार में जाकर ट्रेक्टर अचानक बंद हो गया। जिसके बाद ड्राइवर तो ट्रेक्टर से कूदकर अपनी जान बचाकर भाग गया लेकिन ट्रॉली में रखी किताबें नदी के पानी में भीगती रही। बाद में जेसीबी को बुलाया गया और उसकी मदद से ट्रेक्टर को नदी की बाढ़ से खींचने की कोशिश की गई लेकिन इसी कोशिश में ट्रॉली पलट गई और उसमें रखी किताबें नदी की बाढ़ में बह गईं। हालांकि ये अभी तक पता नहीं चल पाया है कि कितनी किताबें बही हैं और कितनी खराब हो गई हैं। बाढ़ में ट्रेक्टर के फंसे होने का वीडियो मौके पर मौजूद किसी शख्स ने अपने मोबाइल में कैद किया है जो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।

देखें वीडियो-

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बीईओ ने दिए जांच के निर्देश
किताबों के नदी की बाढ़ में बह जाने का मामला और वीडियो जब सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो विभाग में हड़कंप मच गया। अब जिम्मेदार मामले की जांच की बात कह रहे हैं। बीईओ रमेश कौशिक ने बताया कि उन्होंने इस मामले की जांच के निर्देश दे दिए हैं लेकिन बड़ा सवाल यही है कि आखिर अब कितने दिनों तक बच्चे बिना किताबों के रहेंगे और कब तक उन्हें शासन की ओर से किताबें मुहैया कराई जाएंगी क्योंकि पहले ही कोरोना के कारण बच्चों की पढाई का काफी नुकसान हो चुका है।

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