वरिष्ठ अधिवक्ता मदन हिरे ने बताया कि पति या पत्नी के जीवनकाल में पहली पत्नी या पति से विधिपूर्ण रुप से विवाह विच्छेद (तलाक) बिना दूसरा विवाह करना अपराध है। इस मामले में दोषी को सात वर्ष तक के कारावास और जुर्माना हो सकता है। जिस युवती से विवाह की रस्में पहले की गई है वह विधिपूर्ण विवाहिता पत्नी है। दूसरी नहीं होगी। दूसरी पत्नी,पति से मिलने वाले अधिकार के लिए दावा नहीं कर सकती। दूसरी शादी में हाजिर और सहयोग करने वाले लोग भी अपराधी माने जाएंगे।
एक युवक ने दो युवतियों से एक ही मंडप के नीचे शादी की है। तीनों परिवारों द्वारा लिए गए निर्णय के बाद यह शादी हुई है।
-मिश्रीलाल परते, उपाध्यक्ष जनपद पंचायत घोड़ाडोंगरी।
हमने ऐसी किसी शादी के लिए परमिशन नहीं दी है। बिना अनुमति की शादी हुई है। पटवारी को भेजकर मामले की जांच कराई जा रही है।
– मोनिका विश्वकर्मा, तहसीलदार घोड़ाडोंगरी।