डिमांड दस हजार मीट्रिक टन की भेजी यूरिया मिला साढ़े ग्यारह सौ टन
बेतुलPublished: Jul 01, 2020 09:43:12 pm
जिले में यूरिया का संकट एक बार फिर मंडराने लगा है। जिला विपणन संघ द्वारा इस संकट को दूर करने के लिए दस हजार मीट्रिक टन यूरिया की डिमांड शासन को भेजी गई थी लेकिन बुधवार को जो रेक लगी उसमें महज ११३० मीट्रिक टन यूरिया ही बैतूल पहुंचा। जहां १५३८ मीट्रिक टन डीएपी आया है।
Loading trucks after urea rakes
बैतूल। जिले में यूरिया का संकट एक बार फिर मंडराने लगा है। जिला विपणन संघ द्वारा इस संकट को दूर करने के लिए दस हजार मीट्रिक टन यूरिया की डिमांड शासन को भेजी गई थी लेकिन बुधवार को जो रेक लगी उसमें महज ११३० मीट्रिक टन यूरिया ही बैतूल पहुंचा। जहां १५३८ मीट्रिक टन डीएपी आया है। जबकि डीएपी का संग्रहण जिले में लक्ष्य से दोगुना हो चुका है। यूरिया नहीं मिलने से इसकी कालाबाजारी भी बढऩे लगी है। २६७ रुपए की यूरिया की बोरी चार सौ से पांच सौ रुपए में बेची जा रही है। यूरिया की रेक लगने के साथ ही सीधे सोसायटियों में भेजना शुरू कर दिया गया है।
जुलाई में नया अलाटमेंट आएगा
जून माह में यूरिया का अलाटमेंट पूरा हो चुका हैं। अब जुलाई माह के लिए नया अलामेंट जारी किया जाएगा। जिसमें पता चलेगा कि जिले को कितना यूरिया और मिलना है। फिलहाल तो जिले में यूरिया की डिमांड काफी ज्यादा बढ़ गई है। किसानों को यूरिया नहीं मिल पा रहा है। निजी में भी यूरिया की कमी बनी हुई है। अभी दो दिन पहले तीन किसानों द्वारा बुदनी से ६०० बोरी यूरिया ट्रक में बुलाया गया था। जिसे पुलिस ने पकड़ लिया था लेकिन बाद में कृषि विभाग द्वारा जांच करने के बाद छोड़ा गया था। इससे ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि जिले में यूरिया संकट किस तरह गहराते जा रहा है और किसानों को अन्यत्र जिलों से यूरिया मंगवाना पड़ रहा है। जो स्थिति है उसमें अब यूरिया की रेक कब लगेगी यह अभी कहा नहीं जा सकता है। इसलिए आगामी दिनों में यूरिया को लेकर कालाबाजारी बढ़ सकती है।