चार कैमरे लगे होने पर चार बंदियों की एक साथ पेशी होगी। अभी एक कैमरा होने से पहले ऐसे केसों के बंदियों को प्राथमिकता दी जाएगी,जिनमें गवाह व फैसला आना है। इसके बाद अन्य केसों की पेशियां होगी। पंवार ने बताया कि रोजाना 15 से 20 पेशी होगी। जेल में वर्तमान में आठ बैरक है और 399 बंदी है। जिसमें से १२ महिलाएं हैं।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने किया निरीक्षण
जेल में वीडियो कान्फ्रे सिंग के माध्यम से होनी वाली पेशी को लेकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश भूपेन्द्र कुमार निगम ने जिला जेल का निरीक्षण किया। निगम ने महिला बंदियों से चर्चा की। जिला में बंदियों को मिलने वाली सुविधाओं का जायजा लिया। न्यायाधीश ने जेल में बंदियों को मिलने वाली चाय पीकर इसकी गुणवत्ता देखी। निरीक्षण के दौरान अधीक्षक बीआर कुड़ापे, उपअधीक्षक योगेन्द्र पंवार सहित जेल का स्टॉफ उपस्थित रहा।
ये होगा फायदा
जिला जेल से ही समस्त पेशियां होने से जेल प्रशासन को कई फायदे होंगे। बंदियों को कोर्ट तक नहंीं ले जाना पड़ेगा। पुलिसकर्मियों की अलग से डयूटी नहीं लगाना पड़ेगी। वाहन पर पैसा नहीं खर्च करना पड़ेगा। समय की बचत होगी। कई बार बंदी पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाते थे, यह भी नहीं हो सकेगा।
जिला एवं सत्र न्यायाधीश ने किया निरीक्षण
जेल में वीडियो कान्फ्रे सिंग के माध्यम से होनी वाली पेशी को लेकर जिला एवं सत्र न्यायाधीश भूपेन्द्र कुमार निगम ने जिला जेल का निरीक्षण किया। निगम ने महिला बंदियों से चर्चा की। जिला में बंदियों को मिलने वाली सुविधाओं का जायजा लिया। न्यायाधीश ने जेल में बंदियों को मिलने वाली चाय पीकर इसकी गुणवत्ता देखी। निरीक्षण के दौरान अधीक्षक बीआर कुड़ापे, उपअधीक्षक योगेन्द्र पंवार सहित जेल का स्टॉफ उपस्थित रहा।
ये होगा फायदा
जिला जेल से ही समस्त पेशियां होने से जेल प्रशासन को कई फायदे होंगे। बंदियों को कोर्ट तक नहंीं ले जाना पड़ेगा। पुलिसकर्मियों की अलग से डयूटी नहीं लगाना पड़ेगी। वाहन पर पैसा नहीं खर्च करना पड़ेगा। समय की बचत होगी। कई बार बंदी पुलिस को चकमा देकर फरार हो जाते थे, यह भी नहीं हो सकेगा।