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दृष्टि बाधित शिक्षिका को छात्रों से संपर्क करने पर मिला सम्मान

locationबेतुलPublished: Jul 31, 2020 11:37:28 am

Submitted by:

yashwant janoriya

प्रदेश में सर्वाधिक बैतूल जिले के 9 शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रदान किए

प्रदेश में सर्वाधिक बैतूल जिले के 9 शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रदान किए

प्रदेश में सर्वाधिक बैतूल जिले के 9 शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रदान किए

बैतूल. कोरोना संक्रमण काल की विषम परस्थितियों में भी छात्रों की पढ़ाई में निरंतरता बनाए रखने के लिए दृष्टि बाधिक शिक्षिका लीला सोनी ने छात्रों से संपर्क करने के लिए न सिर्फ अद्भुत प्रयास किए बल्कि रोज बच्चों को फोन लगाकर उनकी लर्निंग पूछी और बच्चों को रेडियो दिया ताकि वे कहानी सुन प्रेरणा ले सकें। शिक्षिका के इस अभिनव प्रयासों के चलते उन्हें राज्य शिक्षा केन्द्र भोपाल द्वारा प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है। शिक्षिका सोनी के अलावा बैतूल के आठ अन्य शिक्षकों को भी कोरोना संक्रमण काल में शिक्षा के नवाचार के लिए प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया है। जिले के शिक्षकों के लिए यह सम्मान इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि 37 जिलों में कुल 61 शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए हैं। प्रदेश में जिलावार संख्या की दृष्टि से सर्वाधिक बैतूल जिले के 9 शिक्षकों को प्रशस्ति पत्र उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रदान किए गए।
इनको मिला उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मान
सम्मानित शिक्षकों में ललित कुमार आज़ाद सीएसी-जीन, लक्ष्मी पवार, रीना पवार, लीला सोनी(दृष्टि बाधित शिक्षिका), आनन्द खेस्स, नीलू माछीवार,7, पुष्पा जैसवाल, एम बक्स, परसराम मर्सकोले शामिल है। ज्ञात हो कि इसमें सबसे अधिक 5 शिक्षक जनशिक्षा केन्द्र जीन के हैं। उपरोक्त शिक्षकों को राज्य से सम्मानित किए जाने पर जिला शिक्षा अधिकारी एल एल सुनारिया,डीपीसी सुबोध शर्मा, एडीपीसी संजीव श्रीवास्तव, एपीसी विशाल भोपले, अशोक इवने व शिक्षा विभाग से जुड़े सभी अधिकारियों द्वारा शुभकामनाएं दी गई हैं।
हमारा घर हमारी पाठशाला में निभाई महत्वपूर्ण भूमिका
सम्मानित शिक्षकों ने ६ जुलाई से शुरू हुए हमारा घर हमारा विद्यालय कार्यक्रम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। शिक्षकों द्वारा घर-घर संपर्क कर बच्चों के शिक्षण कार्य का फॉलोअप लिया और पढ़ाई के लिए उन्हें विभिन्न साधन भी उपलब्ध कराए गए। बताया गया कि छात्रों की पढ़ाई में निरंतरता बनी रही, शिक्षण कार्य में विद्यार्थी न पिछड़े इसके लिए शिक्षा विभाग द्वारा डिजिटल शिक्षण प्रणाली के माध्यम से वॉट्सएप ग्रुप, रेडियो प्रसारण, उच्च कक्षाओं में टीव्ही प्रसारण के माध्यम से शिक्षण कार्य निरंतर रखे जाने का प्रयास किया जा रहा है।इसी तारतम्य में हमारा घर हमारी पाठशाला कार्यक्रम के तहत बच्चे घर पर ही रहकर एक निश्चित समय पर निश्चित समय सारणी अनुसार पढ़ाई कर रहे हैं।
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