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सतपुड़ा के सात गेट से छोड़ा पानी, तवा ऊफान पर, नादिया व शिवनपाठ मार्ग बंद

locationबेतुलPublished: Aug 07, 2019 10:46:29 pm

Submitted by:

rakesh malviya

राजडोह नदी में 24 घंटे से बंद है नाव चालन, नांदिया घाट और शिवनपाठ रपटे पर बाढ़ से आवागमन बाधित

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सारनी. रात भर से हो रही झमाझम बारिश से नदी, नाले उफान पर है। इससे जनजीवन प्रभावित हो रहा है। लोनिया पंचायत के आधा दर्जन और पुनर्वास कैंप के 32 गांवों का सीधा संपर्क टूट गया है। ग्रामीण नदी के दोनों छोर पर बाढ़ उतरने का इंतजार कर रहे हैं। राजडोह नदी में जहां बाढ़ का पानी पुराने पुल से टच होकर बह रहा है। वहीं तवा नदी उफान पर है। ग्रामीणों को लंबा सफर तय करके अपने गांव पहुंचना पड़ रहा है।
इधर पहाड़ी नदी से बाढ़ का पानी सतपुड़ा जलाशय में तेजी से आ रहा है।लेवल 1430.8 5 फीट मेंटेंन करने मंगलवार रात 9 बजे तीन गेट एक-एक फीट, 10:30 बजे पांच गेट खोले गए।जिनकी सुबह तक ऊंचाई बढ़ाई, घटाई जाती रही।बुधवार सुबह 7:30 से दोपहर 1 बजे तक सात गेटों को 7-7 फीट की ऊंचाई पर खोलकर प्रति सेकंड40 हजार क्यूबिक फीट पानी करीब छह घंटे तक छोड़ा गया। दोपहर 1 से 4 बजे तक गेटों की ऊंचाई बढ़ाकर 10-10 फीट की गई।इससे तवा नदी में प्रति सेकंड 56 हजार क्यूबिक फीट पानी छोड़ा गया।यह सिलसिला करीब चार घंटे तक चला। इसके बाद गेटों की ऊंचाई दो-दो फीट कम करके 8 -8 फीट की गई।जिससे करीब 45 हजार क्यूबिक फीट पानी छोड़ा जा रहा है। खासबात यह है कि दो साल बाद सतपुड़ा डैम से एक साथ इतनी अधिक मात्रा में पानी छोड़ा गया।यह दृश्य देखने सतपुड़ा जलाशय पर बुधवार को सुबह से शाम तक बड़ी संख्या में पर्यटकों के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा।बीते 24 घंटे में सारनी और डैम के कैचमेंट एरिया में 6 0 मिलीमीटर बरसात दर्ज की गई। इसी के साथ बरसात का आंकड़ा 6 21 एमएम पर पहुंच गया। तवा में बाढ़ के चलते पुनर्वास कैंप के 32 गांवों और लोनिया पंचायत के आधा दर्जन गांवों का संपर्क मंगलवार रात से बुधवार रात तक पूरी तरह टूटा है। इधर वर्ष 2013 और 2016 में शहरी क्षेत्रों के नालों में आईबाढ़ से सबक लेकर इस वर्ष नगरपालिका परिषद सारनी ने ग्रीष्मकाल में ही बड़े और छोटे नालों की सफाई करा ली। इसर्से शहरी क्षेत्र के नालों में बाढ़ जैसी स्थिति नहीं बनी है।

दुकानों में घुसा बाढ़ का पानी
मंगलवार रात से नदी में चल रही बाढ़ बुधवार शाम तक बढ़ती रही। इससे राजडोह नदी किनारे स्थित दुकानों में बरसात का पानी घुस गया।वहीं बुधवार दिन भर पुराने पुल से टच होकर राजडोह नदी में बाढ़ चली। यहां सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस तैनात नहीं रही। वहीं नांदिया घाट रपटे पर पुलिस ने आवागमन बाधित करने सुरक्षा बैरियर लगा दिया है। ताकि बाढ़ के समय ग्रामीण नदी तक नहीं पहुंच सके।
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