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काम के दबाव में विद्युत कर्मी मानसिक रूप से हो रहे बीमार, एक बाबू से दो-दो जगह करवा रहे काम

locationबेतुलPublished: Feb 02, 2019 11:35:05 pm

Submitted by:

rakesh malviya

सतपुड़ा पॉवर प्लांट में स्वीकृत है 1935 पद, कार्यरत है 1370 पद

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काम के दबाव में विद्युत कर्मी मानसिक रूप से हो रहे बीमार, एक बाबू से दो-दो जगह करवा रहे काम

सारनी. सतपुड़ा ताप विद्युत गृह में कार्यरत कर्मी काम के दबाव में मानसिक रूप से बीमार पड़ रहे हैं। इस मुद्दे को लेकर मप्र विद्युत उत्पादन कर्मचारी संघ द्वारा विधानसभा चुनाव से पहले ही उर्जा मंत्री, उर्जा सचिव और मुख्य अभियंता को ज्ञापन सौंपकर पद पूर्ति की मांग की थी। लेकिन कंपनी प्रबंधन ने ओर ध्यान नहीं दिया। जिसका खामियाजा विद्युत कर्मियों को मानसिक रूप से बीमार होकर भुगतना पड़ रहा है। गौरतलब है कि सतपुड़ा पॉवर प्लांट में 1935 पद स्वीकृत है। जबकि 1370 से ही कार्य लिया जा रहा है। 565 विद्युत कर्मियों की लगातार कमी बनी है। बावजूद इसके स्थानांतरण का दौर जारी है। उल्लेखनीय है कि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले पॉवर हाउस सारनी से 151 अधिकारी, कर्मचारियों का स्थानांतरण कर दिया गया। जबकि कंपनी भलीभांति परिचित थी कि सतपुड़ा में स्वीकृत पद से भी कम कर्मी कार्यरत है। इसके बाद भी ट्रांसफर किया गया। रिक्त पदों की पूर्ति नहीं होने से कार्यरत कर्मियों पर काम का दबाव लगातार बढ़ रहा है।
नहीं मिल रही नियुक्तियां
मप्र राज्य विद्युत मंडल के अनुकंपा आश्रित आज भी अनुकंपा नियुक्ति की मांग को लेकर आंदोलनरत है। सिर्फ सारनी की ही बात करे तो यहां 350 से अधिक अनुकंपा आश्रित है। जिनके द्वारा बार-बार नियुक्ति की मांग की जा रही है। लेकिन भाजपा, कांग्रेस सरकार ने आश्रितों की मांगें नहीं मानी। मप्र में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद मुख्यमंत्री कमलनाथ से आश्रितों को आस है कि अब उन्हें नियुक्तियां मिलेगी। लेकिन ऐसा होता नजर नहीं आ रहा। कांग्रेस सरकार चाहे तो रिक्त पदों की पूर्ति करने मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी में अनुकंपा आश्रितों को बिना शर्त नियुक्ति प्रदान कर सकती है। इससे रोजगार की तलाश में दरबदर भटक रहे आश्रितों को रोजगार के अवसर उपलब्ध होंगे
उजड़ रहा शहर
अनकुंपा आश्रितों को नियुक्ति और मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी में नई भर्ती के जरिए रिक्त पदों की पूर्ति की जा सकती है। इससे उजड़ते शहर को राहत मिलेगी और पलायन भी रूकेगा। गौरतलब है कि औद्योगिक नगरी सारनी की आबादी आधे से भी कम हो गई है। यहां का रोजगार और व्यापार दोनों ठप पड़ गए हैं। यही वजह है कि पलायन तेजी से बढ़ रहा है। शहर में एक बार फिर रौनक लौटाने जितनी जरूरत नए पॉवर प्लांट की है। उतनी ही जरूरत स्वीकृत पदों की पूर्ति की है
इनकी है कमी
सतपुड़ा पॉवर प्लांट में सबसे ज्यादा प्लांट सुपर वाइजर, सीनियर प्लांट असिस्टेंट, प्लांट असिस्टेंट-टू, प्लांट अटेंडेंट, जूनियर इंजीनियर, असिस्टेंट इंजीनियर, एक्जीक्टिव इंजीनियर और अधीक्षण अभियंता का कमी बनी हुई है। यह सब जानते हुए भी मप्र पॉवर जनरेटिंग कंपनी द्वारा रिक्त पदों को भरने की प्रक्रिया नहीं की जा रही है। ऐसा ही चलता रहा तो काम के दबाव में विद्युत कर्मी बीमार होते रहेंगे
इनका कहना
सतपुड़ा पॉवर प्लांट में करीब 747 विद्युत कर्मियों के पद रिक्त है। एक बाबू दो-दो जगह काम करने को मजबूर है। काम के दबाव में विद्युत कर्मी मानसिक रूप से बीमार हो रहे हैं। काम के दबाव में कई कर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति भी ले ली है। हमारे संगठन द्वारा इस मुद्दे को मुख्यालय स्तर पर उठाया गया। लेकिन कंपनी ने रिक्त पदों की पूर्ति नहीं की।
गणेश धोटे, प्रदेश अध्यक्ष, मप्र विद्युत उत्पादन कर्मचारी संघ।
इनका कहना
पद पूर्ति के लिए जेई की भर्ती निकाली गई है। दो नंबर प्लांट बंद होना है। इस वजह से फिलहाल पद पूर्ति नहीं की गई है। लेकिन विद्युत कर्मियों की कमी चिंता का विषय है।
वीके कैलासिया, चीफ इंजीनियर, सतपुड़ा, सारनी।

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