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फूल के पौधे लगाने से शुरू हुआ सिलसिला, अब 17 साल में लगा चुके पांच हजार पौधे

locationबेतुलPublished: Jun 05, 2018 02:05:31 pm

Submitted by:

ghanshyam rathor

जीवटता की मिशाल बने बैतूल के अनिल झाम

World Environment Day 2018 in hindi

फूल के पौधे लगाने से शुरू हुआ सिलसिला, अब 17 साल में लगा चुके पांच हजार पौधे

बैतूल। शहर के 55 वर्षीय अनिल झाम को पौधे लगाने का जुनून ऐसा है कि वे पिछले १७ सालों में शहर में ही लगभग ५ हजार पौधे लगा चुके हैं। कई पौधे वृक्ष बन चुके हैं। पौधा लगाने का क्रम अभी भी रुका नहीं है। जीवन की अंतिम सांस तक उनके द्वारा पौधे लगाने का प्रण लिया गया है। झाम की एक ही इच्छा है कि वे बैतूल शहर को हरा-भरा देखना चाहते हैं। पौधे लगाने के इस जुनून के कारण वे मुख्यमंत्री सहित प्रशासन और संस्थाओं से सम्मानित हो चुके हैं।
ऐसे हुई थी शुरुआत
शहर के चंद्रशेखर वार्ड निवासी अनिल झाम बताते हैं कि वे पहले घर में फूल के पौधे लगाते थे। इसके बाद उनके मन में विचार आया कि क्यों न पौधे लगाए जाए जिससे समाज का भी भला हो। वर्ष २००१ से झाम ने दस पौधे से इसकी शुरुआत की और फिर इसके बाद अनवरत यह जारी रहा। झाम द्वारा पिछले १७ वर्षों में ४९८० पौधे लगा दिए गए हैंं,जिसमें सभी प्रकार के फल, छायादार और औषधी पौधे शामिल है। कई पौधे अब वृक्ष बन गए हैं। झाम ने बताया कि पौधे लगाने के बाद स्वयं भी उनकी देखरेख करते हैं। तीन फीट से कम का पौधा नहीं लगाते और सुरक्षा के लिए ट्रीगार्ड अवश्य लगाते हैं। पौधे लगाने के लिए वे लोगों से जन सहयोग भी लेते हैं। इसके लिए उनकी गौतम सेवा समिति के नाम से एक संस्था भी है। जिसमें मनोज हिराणी, अतुल शाह, मनोज मेहता, सुनील पांसे, श्याम टेकपूरे, भूपेन्द्र पवंार शामिल है।

शहर को हरा भरा करने का संकल्प
झाम ने बताया कि उन्होंने ने शहर को हरा-भरा करने का संकल्प लिया है। जीवन भर वे पौधरोपण का काम करेंगे। फोरलेन में हजारों पेड़ कटने से जिले का तापमान ४५ डिग्री तक पहुंच गया है। झाम की इच्छा कि जिले का तापमान ४० डिग्री तक ही रहे। जिसके लिए जन सहयोग से अपने काम को अंजाम दे रहे हैं। झाम ने पौधरोपण के इस अभियान में नगर पालिका और सक्षम लोगों से भी सहयोग करने की अपील की है।
मुख्यमंत्री से हुए सम्मानित
पौधे लगाने के कारण अनिल झाम को पिछले वर्ष नवंबर २०१७ में मुख्यमंत्री द्वारा भी सम्मानित किया जा चुका है। इसके साथ ही कलेक्टर और समाजसेवी संस्था से भी सम्मानित हो चुके हैं। झाम ने बताया कि वर्ष २०१० में उन्हें पौधरोपण के बाद ९५ प्रतिशत पौधे जीवित रहने का भी प्रमाण पत्र मिल चुका है। तीन अधिकारियों की टीम ने पौधरोपण का निरीक्षण किया था,जिसके बाद यह प्रमाण पत्र दिया था।
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