1. कुओं की दोबारा सफाई करवाई जाएगी और रिचार्जिंग सिस्टम भी बनवाएं जाएंगे। जिन कुओंं में पानी है उसका उपयोग करेंगे। पूर्व में आए भू-गर्भ वैज्ञानिक ने भी कुएं को लेकर सलाह दी थी। इस पर अमल किया जाएगा।
सीपी राय, सीएमओ नपा बैतूल
सीपी राय, सीएमओ नपा बैतूल
गंज स्थित कुआं,जिसमें सफाई नहीं की गई है
कभी बुझाता था लोगों की प्यास, अब दुर्दशा का शिकार
गंज निवासी दिलीप मौर्य ने बताया कि सब्जी मंडी का कुआं लगभग सौ वर्ष पुराना है। पहले इस कुएं से आसपास के लोगों की प्यास बुझती थी। कुआं लंबे समय से बदहाल पड़ा हुआ है। सफाई भी नहीं हुई है। कुएं में गंदगी पड़ी हुई है। कुएं के पास ही एक बोर भी है। इस बोर से टंकी भरी जाती थी। यह बोर खस्तहाल है। कुएं के कारण बोर में पानी भी है। कुएं और बोर की सूध ली जाए तो क्षेत्र में पानी की बेहतर व्यवस्था हो सकती है।
कुएं में उगने लगी झाडिय़ां
कभी बुझाता था लोगों की प्यास, अब दुर्दशा का शिकार
गंज निवासी दिलीप मौर्य ने बताया कि सब्जी मंडी का कुआं लगभग सौ वर्ष पुराना है। पहले इस कुएं से आसपास के लोगों की प्यास बुझती थी। कुआं लंबे समय से बदहाल पड़ा हुआ है। सफाई भी नहीं हुई है। कुएं में गंदगी पड़ी हुई है। कुएं के पास ही एक बोर भी है। इस बोर से टंकी भरी जाती थी। यह बोर खस्तहाल है। कुएं के कारण बोर में पानी भी है। कुएं और बोर की सूध ली जाए तो क्षेत्र में पानी की बेहतर व्यवस्था हो सकती है।
कुएं में उगने लगी झाडिय़ां
वार्डवासी रिचार्ज कर रहे कुआं पुलिस लाइन स्थित कुएं में उगने लगी झाडिय़ां।
नगर पालिका ने लगभग एक से वर्ष पहले कुएं की सूध ली थी। शहर के लगभग ३१ कुओंं में साफ-सफाई और गहरीकरण करवाया था। कुएं की सफाई, गहरीकरण और सांैदर्यता पर प्रति कुएं ५० हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक खर्च किए गए थे। रंगाई- करके गहरीकरण और मुनारे भी बनवाई थी। कुएं पर स्वच्छता और रिचार्जिंग को लेकर नारे लेखन भी किए थे। इसके बाद नगर पालिका ने इन कुएं की सूध नहीं ली। कुएं वापस अपनी पुरानी स्थिति में पहुंच गए हैं। कुएं पर यहां तक की झाडिय़ा उग गई।
सिविल लाइन स्थित कुआं।
सिविल लाइन स्थित कुएं को वार्डवासियों द्वारा रिचार्ज करने की व्यवस्था की जा रही है। वार्डवासी रमेश पंवार ने बताया कि स्कूल के मैदान में ही वर्षा जल जमा होता है। इस जल को सीधे कुएं में उतारा जाता है। पानी के रास्त में बोल्डर और रेत भी डाली गई है। जिससे पानी छनकर आता है। बारिश में स्थिति यह होती है कि कुएं १० से १५ बार ओवर फ्लो हो जाता है। कुएं में वर्तमान में भी पानी है। कुएं के रिचार्ज होने से क्षेत्र के लगभग सौ घरों गर्मी के दिनां में भी जल संकट नहीं होता है।
फैक्ट फाइल
५८ शहर में कुल कुएं की संख्या
३१ शहर के कुओं की हुई थी सफाई
२० लाख कुओं की सफाई पर खर्च
०४ शहर में तालाब की संख्या
१४७ शहर में टयूबवेल की संख्या
६५८ शहर में हैंडपंप की संख्या
१०००० शहर में नले
कनेक् शन शहर में ९० हजार जल उपभोक्ताओं संख्या
&आने वाले समय में भारी जलसंकट हो सकता है। कुओं को सहेजकर और उन्हें रिचार्ज की व्यवस्था की जाए तो जल संकट से निपटने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं। आम लोगों को भी सामने आना चाहिए।
शशि नागले, अधिवक्ता, बैतूल
रिचार्ज करने की जरूरत
2. कुओं को रिचार्ज करने की आवश्यकता है। पुराने समय में लोगों को पानी के लिए कुओं का ही सहारा था। बारिश के पानी से कुएं रिचार्ज किए जाए और इनकी सफाई की जाए तो जल से संकट से निपटा जा सकता है।
कमलेश लोखंडे, समाजसेवी, बैतूल
नगर पालिका ने लगभग एक से वर्ष पहले कुएं की सूध ली थी। शहर के लगभग ३१ कुओंं में साफ-सफाई और गहरीकरण करवाया था। कुएं की सफाई, गहरीकरण और सांैदर्यता पर प्रति कुएं ५० हजार से लेकर डेढ़ लाख रुपए तक खर्च किए गए थे। रंगाई- करके गहरीकरण और मुनारे भी बनवाई थी। कुएं पर स्वच्छता और रिचार्जिंग को लेकर नारे लेखन भी किए थे। इसके बाद नगर पालिका ने इन कुएं की सूध नहीं ली। कुएं वापस अपनी पुरानी स्थिति में पहुंच गए हैं। कुएं पर यहां तक की झाडिय़ा उग गई।
सिविल लाइन स्थित कुआं।
सिविल लाइन स्थित कुएं को वार्डवासियों द्वारा रिचार्ज करने की व्यवस्था की जा रही है। वार्डवासी रमेश पंवार ने बताया कि स्कूल के मैदान में ही वर्षा जल जमा होता है। इस जल को सीधे कुएं में उतारा जाता है। पानी के रास्त में बोल्डर और रेत भी डाली गई है। जिससे पानी छनकर आता है। बारिश में स्थिति यह होती है कि कुएं १० से १५ बार ओवर फ्लो हो जाता है। कुएं में वर्तमान में भी पानी है। कुएं के रिचार्ज होने से क्षेत्र के लगभग सौ घरों गर्मी के दिनां में भी जल संकट नहीं होता है।
फैक्ट फाइल
५८ शहर में कुल कुएं की संख्या
३१ शहर के कुओं की हुई थी सफाई
२० लाख कुओं की सफाई पर खर्च
०४ शहर में तालाब की संख्या
१४७ शहर में टयूबवेल की संख्या
६५८ शहर में हैंडपंप की संख्या
१०००० शहर में नले
कनेक् शन शहर में ९० हजार जल उपभोक्ताओं संख्या
&आने वाले समय में भारी जलसंकट हो सकता है। कुओं को सहेजकर और उन्हें रिचार्ज की व्यवस्था की जाए तो जल संकट से निपटने में काफी मददगार साबित हो सकते हैं। आम लोगों को भी सामने आना चाहिए।
शशि नागले, अधिवक्ता, बैतूल
रिचार्ज करने की जरूरत
2. कुओं को रिचार्ज करने की आवश्यकता है। पुराने समय में लोगों को पानी के लिए कुओं का ही सहारा था। बारिश के पानी से कुएं रिचार्ज किए जाए और इनकी सफाई की जाए तो जल से संकट से निपटा जा सकता है।
कमलेश लोखंडे, समाजसेवी, बैतूल