समय पर उपचार मिलता तो बच सकता था युवक- अस्पताल में डॉ. पल्लव अमृतफले ने बताया कि राजू की मौत सिर एवं पैर में गंभीर चोट लगने से अत्याधिक रक्तस्त्राव के कारण हुई है। रात्री 11 बजे से सुबह 7 बजे तक दोनों युवक घायल अवस्था में पड़े रहे। यदि तत्काल घायलों को मदद मिल जाती तो युवक की जान बच सकती थी। उन्होंने बताया कि दूसरे युवक को भी गंभीर चोटें हैं जिसे प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल रेफर किया है।
मदद के लिए गुहार लगाई, किसी ने नहीं सुना – दुर्घटना में घायल राजेन्द्र ने बताया कि दुर्घटना के बाद वे बेहोश हो गए थे रात में जब उन्हें होश आया तो उन्होंने वहां से गुजरने वाले वाहनों से मदद की गुहार लगाई लेकिन किसी भी वाहन चालक ने वाहन नहीं रोका। राजू और राजेन्द्र दोनों लहुलुहान कड़कड़ाती ठंड में खुले में पड़े रहे। उन्होंने यह उम्मीद थी कि उनकी ऐसी हालत देखकर कोई उनकी मदद करेगा, लेकिन पूरी रात गुजर गई कोई नहीं रूका जिसके बाद वे फिर बेहोश हो गए। इधर सुबह मार्निंग वाक करने वालों ने जब दोनों युवकों को लहुलुहान पड़े देखा तो तत्काल संजीवनी 108 को काल किया जिस पर संजीवन के महेश झलिए ने मौके पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल लाया।
मदद के लिए गुहार लगाई, किसी ने नहीं सुना – दुर्घटना में घायल राजेन्द्र ने बताया कि दुर्घटना के बाद वे बेहोश हो गए थे रात में जब उन्हें होश आया तो उन्होंने वहां से गुजरने वाले वाहनों से मदद की गुहार लगाई लेकिन किसी भी वाहन चालक ने वाहन नहीं रोका। राजू और राजेन्द्र दोनों लहुलुहान कड़कड़ाती ठंड में खुले में पड़े रहे। उन्होंने यह उम्मीद थी कि उनकी ऐसी हालत देखकर कोई उनकी मदद करेगा, लेकिन पूरी रात गुजर गई कोई नहीं रूका जिसके बाद वे फिर बेहोश हो गए। इधर सुबह मार्निंग वाक करने वालों ने जब दोनों युवकों को लहुलुहान पड़े देखा तो तत्काल संजीवनी 108 को काल किया जिस पर संजीवन के महेश झलिए ने मौके पर पहुंचकर घायलों को अस्पताल लाया।