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स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में शामिल नहीं हुए बीएलओ, अब मिलेगा शोकाज नोटिस

locationबेतुलPublished: Apr 12, 2019 11:23:48 pm

Submitted by:

pradeep sahu

दिव्यांग वृद्धजन हेतु मतदाता जागरुकता एवं स्वास्थ्य परीक्षण शिविर आयोजित

स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में शामिल नहीं हुए बीएलओ, अब मिलेगा शोकाज नोटिस

स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में शामिल नहीं हुए बीएलओ, अब मिलेगा शोकाज नोटिस

हंडिया. शुक्रवार को दिव्यांग वृद्धजन हेतु मतदाता जागरुकता एवं स्वास्थ्य परीक्षण शिविर का आयोजन किया। इस अहम कार्यक्रम में भी कई बीएलओ शामिल नहीं हुए। इन पर कार्रवाई की बात कही गई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टर तरुण चौधरी द्वारा 39 मरीजों का स्वास्थ्य परीक्षण कर उन्हें दवाइयां दी गईं। मतदाता जागरुकता एवं स्वास्थ्य परीक्षण शिविर में डिप्टी कलेक्टर अंकिता त्रिपाठी, हंडिया तहसीलदार अर्चना शर्मा मौजूद थीं। इस मौके पर डिप्टी कलेक्टर त्रिपाठी ने कहा कि दिव्यांगों के परिजन न होने की स्थिति में दिव्यांग मित्र भी उनके साथ जाकर मतदान करा सकते हैं। साथ में आने वाली महिलाओं के लिए आंचल केंद्र की व्यवस्था भी रखी जाएगी जिससे दिव्यांग व उसके परिवार को परेशानी का सामना न करना पड़े। हंडिया तहसीलदार अर्चना शर्मा ने कहा कि दिव्यांगजनों को मतदान संबंधित किसी भी प्रकार की जानकारी चाहिए तो वह नि:शुल्क नंबर 1950 पर कॉल कर सकते हैं। उन्होंने कार्यक्रम में उपस्थित नहीं हुए बीएलओ को कारण बताओ नोटिस जारी किए जाने की भी बात कही। उन्होंने चेताया कि निर्वाचन प्रक्रिया में किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
महिलाओं का बढ़ रहा ब्लड प्रेशर, खून की कमी भी मिली
हंडिया. शुक्रवार को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में खंडस्तरीय शिविर का आयोजन किया गया। महिला चिकित्सक उमा भाटी द्वारा हंडिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के अंतर्गत आने वाले सभी गांवों से रेफर महिलाओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। 68 महिलाओं के स्वास्थ्य परीक्षण करने पर कुछ महिलाओं को बीपी बढ़ा होने एवं खून की कमी होने की समस्या सामने आर्इं। डॉ.भाटी द्वारा उन्हें पौष्टिक आहार लेने के साथ-साथ नियमित रूप से दवाइयों के सेवन की सलाह दी गई। डॉ. भाटी ने बताया कि उपस्वास्थ्य केंद्र एवं एएनएम द्वारा पूरे महीने महिलाओं का घर-घर जाकर स्वास्थ्य परीक्षण किया जाता है। जिन महिलाओं की स्थिति कमजोर होती है उन्हें सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र रेफर किया जाता है। अति संवेदनशील मरीज को जिलास्तरीय शिविर में भेज कर पूरा उपचार कराया जाता है। शिविर में पहुंची कई गर्भवती माताओं का उपचार कर उन्हें भी दवाइयां दी गईं।

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