इसी मामले में न्यान दिलाने की मांग को लेकर मंगलवार की रात ज्ञानपुर रोड पर तकरीबन एक दर्जन युवा धरने पर बैठ गए। जिसकी वजह से सड़क जाम का सवाल खड़ा हो गया औऱ कानून व्यवस्था पर ही सवाल उठने लगे। जिसके बाद पुलिस ने रात में ही सभी को उठा कर थाने ले गए औऱ लाई और लगभघ 10 लोगों का चालान कर दिया। इसके बाद उधर सोशल मीडिया पर अफवाहों का बाजार गर्म हो गया कि, रात में धरने पर बैठे लोग कहां आखिर गए। उनका अपहरण कर लिया गया होगा या उनके साथ कोई घटना घटी। परिजन इस बात को लेकर परेशानी में हैं।
यह है पूरा मामला बता दें कि, भदोही जिले के गोपीगंज में फूलबाग के रहने वाले रामजी मिश्रा का अपने भाई से जमीन के बंटवारे को लेकर कोई विवाद था। दोनों भाई और उनके परिवार के लोग न्याय के लिये अपनी फरियाद लेकर कोतवाली गए थे। मृतबीच कहासुनी हो गई। इसक की बेटी दीपाली मिरा का आरोप है कि, पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में ही उनके पिता और चाचा के के बाद पुलिस वालों ने दोनों को थप्पड़ मारे और हवालात में बंद कर दिया। बेटी ने बताया कि उन लोगों ने पुलिस से गुहार लगाई कि उसके पिता बीमार हैं पर उनसे मिलने तक नहीं दिया गया और हवालात में ही उनकी मौत हो गयी। बेटी ने साफ कहा कि पिता की मौत की जिम्मेदार पुलिस ही है।
हवालात में रामजी मिश्रा की मौत ने पुलिस पर सवालिया निशान लग गया है। लोग इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि जब परिजन बार-बार गुहार लगा रहे थे कि रामजी मिश्रा बीमार हैं तो उन्हें हवालात में कैसे डाला गया और उसके बाद भी परिजनों को उनसे मिलने क्यों नहीं दिया गया। लगातार सभी दलों के नेताओं के दबाव को देखते हुए पुलिस प्रशासन ने पहले तो इंस्पेक्टर सुनील वर्मा को लाइन हाजिर कर दिया।