इस अवसर पर विधायक विजय मिश्रा ने शहीद शीतल पाल उच्चतर माध्यमिक विद्यालय पाली में भवन निर्माण के लिए पांच लाख रुपये अपने निधि से देने की घोषणा की। इसके साथ ही उन्होंने शहीद शीतल पाल के नाम से वाचनालय और शादी समारोह भवन कर निर्माण हेतु 25 लाख रुपये निधि से देने की घोषणा दिया। पूर्व मंत्री भागवत पाल के पुत्र जय सिंह पाल ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि समाज के युवाओं को पाल समाज के इतिहास से सीख लेने की जरूरत है।
1857 की क्रांति में जिले के पाली में अंग्रेज अफसरों को मारे जाने में शहीद शीतल पाल ने महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। कार्यक्रम में शहीद शीतल पाल धनगर उत्थान समिति के अखिलेश प्रकाश पाल, रविन्द्र पाल, धर्मराज पाल व रमाशंकर पाल ने मुख्य अतिथि विधायक विजय मिश्रा को चांदी का फरसा भेंट किया। इस दौरान हीरालाल पाल, रामयज्ञ पाल, सेवालाल पाल, राघोराम पाल, सदानन्द पाल, काशीनाथ पाल, रामकिसुन पाल, गुलाब पाल, राजेंद्र पाल, फूलचंद पाल सहित अन्य लोग उपस्थित रहे। कौन थे शहीद शीतल पाल 1857 की क्रांति में जिले के पाली में अंग्रेज अफसरों को मारे जाने में शीतल पाल ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
बताया जाता है कि उस दौरान जिले में अंग्रेजो द्वारा किसानों की खेतों पर कब्जा कर जबरन नील की खेती कराई जाती थी। इस दौरान शहीद झूरी सिंह ने इसका विरोध करना शुरू किया। विरोध से आक्रोशित अंग्रेजो ने झूरी सिंह के बड़े भाई को फांसी दे दी और झूरी सिंह पर इनाम रख दिया। इस दौरान अंग्रेज अफसर रिचर्ड म्योर अपने सहयोगियों के साथ पाली पहुंचा, जहां झूरी सिंह ने अपने सहयोगियों के साथ रिचर्ड म्योर का पीछा किया। घोड़े पर सवार रिचर्ड म्योर भागने लगा और झूरी सिंह उसका पीछा करते रहे। तभी शीतल पाल खेत मे अपने भेड़ों को चरा रहे थे उन्होंने तत्काल अपने लग्घे को अंग्रेज अफसर के घोड़े के पैर में फंसा दिया जिसके बाद रिचर्ड म्योर नीचे गिर पड़ा और झूरी सिंह ने तलवार से उसका सर कलम कर दिया।
By- महेश जायसवाल