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भदोही

WWE में दमखम दिखाएंगे भदोही के रिंकू सिंह, अमेरिका में बेसबॉल खिलाड़ी के रूप में हैं मशहूर

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6 years ago
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यूपी के भदोही जिले की ज्ञानपुर तहसील अन्तर्गत होलपुर निवासी रिंकू सिंह को WWE क साथ करार किया है। रिंकू अमेरिका की बेसबाल टीम के मशहूर खिलाड़ी भी रहे हैं। बेसबाल के जरिये अपनी वैश्विक पहचान बनाने के बाद अब वह जल्द WWE की रिंग में दिखायी देंगे।

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उन्होंने परफॉर्मिंग सेंटर पहुंचकर ट्रेनिंग भी शुरू कर दी है। इस खबर के मिलने के बाद गांव में उनके परिजन काफी खुश हैं। चाचा डीडी सिंह ने कहा है कि यह उसकी मेहनत का फल है। उनको दशक भर पहले तब पहचान मिली थी जब उन्होंने अमेरिका में बेसबाल खेला।

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पहले भालाफेंक फिर बेसबॉल के बाद अब रिंकू रिंग में खलबली मचाने को तैयार हैं। छह फिट तीन इंच लम्बे और 102 किलोग्राम वजनी रिंकू ने अप्रैल 2017 में दुबई में हुए WWE चयन प्रशिक्षण में भाग लिया जिसके बाद 13 जनवरी 2018 को WWE ने उनके साथ करार किया है। परफॉर्मिंग सेंटर पहुंचकर ट्रेनिंग शुरू कर चुके हैं।

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रिंकू सिंह ने भदोही के छोटे से गांव होलापुर से निकलकर WWE के रिंग तक का सफर कड़ी मेहनत के दम पर तय किया है। होलापुर गांव निवासी रिंकू सिंह का बचपन और किशोरावस्था भी गंगा किनारे वाले छोरे की रही। खेल की ओर उनका झुकाव था, सो वह भाला फेंक में चैम्पियन बनने का सपना संजोए उसके लिये जद्दोजेहद करने लगे।

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पहले इलाहाबाद हॉस्टल और फिर लखनऊ के गुरू गोविन्द सिंह स्पोर्ट्स कॉलेज में दाखिला लिया। पर किस्मत उन्हें किसी और रास्ते पर ले जाना चाहती थी। वहां से वो अमेरिका पहुंचे और बेसबाल लीग में पेशेवर खिलाड़ी के रूप में खेलने लगे।

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2008 रिंकू अमेरिका टीम पिट्सबर्ग पाइरेट्स से जुड़ गए और टीम चैम्पियन बनी। इसके बाद तो वह अमेरिका में पेशेवर बेसबॉल खिलाड़ी के रूप में अच्छे खासे मशहूर हो चके हैं।

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हालांकि भारत में बेसबॉल बहुत अधिक मशहूर न होने के चलते यहां उन्हें कम ही लोग जानते हैं। चाचा डीडी सिंह ने बताया कि पढ़ाई के दौरान खूब डांट खाता था। एक बार मैंने कड़ी डांट लगायी तो वह यहां से इलाहाबाद हॉस्टल गया जेवलिन थ्रो के लिये और उसके बाद उसने पीछे मुड़कर नहीं देखा।

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उनका बचपन एक सामान्य गरीब परिवार में बीता। उनके पिता ब्रह्मदीन सिंह पेशे से ट्रक ड्राइवर थे। रिंकू का शुरुआती जीवन भी वैसा ही गुजरा। अमेरिका जाने के बाद उनके घर के हालात सुधरे हैं। चाचा डीडी सिंह बताते हैं कि आर्थिक तंगी होने के बावजूद रिंकू के पिता ने अपने चार-चार बच्चे, तीन-तीन लड़कियां होने के बावजूद उन्होंने सभी को अच्छी से अच्छी शिक्षा-दीक्षा दी।

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