scriptभदोही अस्पताल घोटालाः 12 साल में नहीं बन सका 100 बेड का जिला अस्पताल, जनता ने टि्वटर पर मुुुुुहिम छेड़ी | Bhadohi District Hospital Construction not Complete after 12 Years | Patrika News

भदोही अस्पताल घोटालाः 12 साल में नहीं बन सका 100 बेड का जिला अस्पताल, जनता ने टि्वटर पर मुुुुुहिम छेड़ी

locationभदोहीPublished: Jun 13, 2021 10:03:22 am

14 करोड़ की लागत से 2008 में शुरु हुआ था भदोही जिला अस्पताल का निर्माण कार्य। 12 साल बाद भी अधूरा है निर्माण। लागत बढ़कर हुई 18 करोड़, 8 करोड़ का हुआ घोटाला, कई जिम्मेदार भेजे जा चुके हैं जेल।

bhadohi district hospital

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

भदोही. वाराणसी से पृथक जिला बनाने के बाद भदोही में शुरू हुआ 100 बेड के जिला अस्पताल का निर्माण अभी भी अधूरा है। जिले के लोग साल दर साल उम्मीद लगाए बैठे रहे, लेकिन सरकारों की अनदेखी, लापरवाही और भ्रष्टाचार के चलते यह अस्पताल 12 साल बाद भी बनकर तैयार नहीं हो सका है। निर्माण कार्य में देरी होने से जहां इसकी लागत बढ़ी वहीं इसमें करोड़ाें रुपये का घोटाला भी हुआ। जिसके नतीजे में 17 साल पहले बना जिला आज तक एक अदद जिला अस्पताल के लिय तरस रहा है। जिले में कोई ऐसा अस्पताल नहीं, जिसमें दूसरे जिलों के जिला अस्पतालों की तरह सुविधाएं हों। 2022 विधानसभा चुनाव आने के बाद एक बार फिर भदोही जिला अस्पताल को पूरा करने की मांग तेज हो गई है। जिलेवासी अपनी इस मांग को टि्वटर पर भी ट्रेंड करा रहे हैं कि शायद सरकार और जनप्रतिनिधियों तक उनकी मांग पहुंच जाए।


1994 में बना था भदोही जिला

वाराणसी से अलग कर भदोही जिले की स्थापना 30 जून 1994 को उत्तर प्रदेश के 65वें जिले के रूप में हुई थी। इसका शुमार यूपी के सबसे छोटे जिलों में होता है। कालीन यहां का मुख्य उद्योग है। कहा जाता है कि यहां 16वीं सदी से पहले से कालीन का काम होता चला आ रहा है। यह कला मुगलों के साथ भारत आई थी। नया जिला बनने के बाद बसपा शासन काल में मायावती ने इसका नाम संत शिरोमणि रविदास के नाम पर संत रविदास नगर रख दिया। हालांकि 2014 में तत्कालीन सपा सरकार में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जिले का नाम बदलकर फिर से भदोही कर दिया। पर सरकारों ने यहां रुके पड़े विकास कार्यों की सुधि नहीं ली।

 

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2008 में रखी गई थी जिला अस्पताल की नींव

12 साल पहले बसपा शासनकाल में भदोही की ज्ञानपुर तहसील स्थित जिला मुख्यालय सरपतहां में 100 बेड के जिला असप्ताल की नींव रखी गई थी। यह अस्पताल 14 करोड़ रुपये में 2012 तक बनकर तैयार होना था। खूब जोर शोर से इसका प्रचार-प्रसार हुआ और जिलावासियायें को उम्मीद जगी कि चंद सालों में उन्हें बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं जिले में ही मिल जाएंगी। इसके लिये बनारस या इलाहाबाद नहीं जाना होगा। सरकारें बदलती रहीं, लेकिन वादों और आश्वासनों के अलावा कुछ नहीं मिला। 12 साल बाद आज भी भदोही जिला अस्पताल बनकर तैयार नहीं हुआ।


बढ़ गयी लागत

2008 में जब भदोही के 100 बेड के जिला अस्पताल की नींव रखी गई थी तब इसकी लागत 14 करोड़ रुपये थी। इसे 4 साल में बनकर तैयार होना था। पर निर्माण कार्य दूसरे सरकारी कामों की तरह लेट लतीफी की भेंट चढ़ गया। इस बीच 2012 और 2017 में सत्ता परिवर्तन हो गया, लेकिन भदोही जिला अस्पताल का निर्माण पूरा नहीं हो सका। हालत ये कि निर्माण कार्य की लागत 14 करोड़ से बढ़कर 18 करोड़ हो गई। बाद में शुरू हुए निर्माण कार्य पूरे हो गए पर अस्पताल बनकर तैयार नहीं हुआ।

 

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निर्माण कार्य में हुआ घोटाला

भदोही जिला अस्पताल निर्माण भी घोटाले से बच नहीं सका। निर्माण लागत 14 से बढ़कर 18 करोड़ रुपये पहुंच गई और 90 फीसदी बजट भी खर्च हो गया। पर जब इसका भौतिक सत्यापन हुआ तो 8 करोड़ रुपये का घोटाला सामने आया। घोटाला पकड़ में आने के बाद अस्पताल का निर्माण करा रही राजकीय निर्माण निगम के अधिकारियों पर एफआईआर दर्ज हुई। भाजपा की सरकार ने इस पूरे मामले में एसआईटी की जांच गठित कर दी जांच के बाद इस मामले में जिम्मेदार कुछ लोग जेल भी गए।


तीसरी लहर के पहले निर्माण पूरा करने की मांग

अस्पताल की नींव पड़ने के 12 वर्षों बाद भी इसका निर्माण पूरा नहीं हो सका है। इसके कारण जनपद वासियों की चिंताएं बढ़ी हुई हैं। अगर यह अस्पताल शुरू हो जाता तो इसका भदै पैमाने पर लोगों को लाभ मिलता। अब लोग चाहते हैं कि कोरोना के तीसरी लहर से पहले इस अस्पताल का निर्माण पूर्ण करा दिया जाय। इंसक संचालन हो ताकि लोगों को इसका लाभ मिले।


जिले में बेहतर स्वास्थ्य सुविधा की जरूरत

जिले में महाराजा चेतसिंह अस्पताल और भदोही शहर में महाराजा बलवंत सिंह अस्पताल को जिला अस्पताल का दर्जा प्राप्त है लेकिन यहां वह सुविधाएं नहीं हैं जो दूसरे जिलों के जिला अस्पताल में हैं। इन अस्पतालों में तमाम सुविधाओं का अभाव है जिसके कारण भारी संख्या में मरीज यहां से रेफर कर दिया जाते हैं। ऐसे में अगर अस्पताल जिला अस्पताल शुरू हो जाएगा तो लोगों को इसका लाभ मिलेगा।


ट्वीटर पर भी ट्रेंड हो रही मांग

12 साल से अधूरे पड़े भदोही जिला अस्पताल के निर्माण को पूरा कराने की मांग ने एक बार फिर जोर पकड़ लिया है। जनपद वासियों ने इसे लेकर सोशल मीडिया पर अभियान चलाया है। हजारों की संख्या में ट्वीट करके लगातार पीएम-सीएम से निर्माणाधीन जिला अस्पताल के निर्माण को पूरा करा कर जल्द से जल्द इसके संचालन की मांग कर रहे हैं।

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