निर्दलीय जीते अनिरुद्ध त्रिपाठी की जीत से भाजपा विधायक रवींद्रनाथ त्रिपाठी के यहां जश्न का माहौल है। बधाई देने के लिए भाजपा के नेताओं का तांता लगा हुआ है। कलेक्ट्रेट से प्रमाणपत्र प्राप्त करने के बाद लग्जरी वाहनों के काफिले के साथ निकला जुलूस विधायक के पटेल नगर स्थित प्रतिष्ठान पहुंचा जहां लोग जीत का जश्न मनाने में जुटे हैं। नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष अनिरुद्ध के जिला पंचायत सदस्य चुनाव में भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने ओर उन्हें पार्टी से निष्काषित कर दिया गया था। हालांकि उन्होंने कहा कि वो भाजपा में थे और भाजपा में ही रहेंगे। उन्होंने इस जीत का श्रेय सीएम योगी आदित्यनाथ को दिया है।
नवनिर्वाचित अध्यक्ष अनिरुध्द त्रिपाठी भाजपा विधायक रविन्द्र त्रिपाठी के भाई है और वो जिला पंचायत सदस्य के चुनाव में भाजपा से टिकट मांग रहे थे। लेकिन विधायक के भाई होने के नाते पार्टी ने उन्हें टिकट नही दिया इसके बावजूद वो पार्टी प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़कर सदस्य बने और जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए नामांकन कर दिया। इधर भाजपा ने जिलाध्यक्ष के रिपोर्ट पर उनके खिलाफ अमित सिंह को मैदान में उतार दिया। भाजपा दो फाड़ में दिखाई देने लगी। निर्दल अनिरुध्द के साथ खुद उनके विधायक भाई और औराई विधायक दीनानाथ भाष्कर का समर्थन रहा तो बड़े संख्या में भाजपा के पदाधिकारी भी उनके पक्ष में आवाज उठाने लगे।
इन सबका असर यह हुआ कि जमीनी माहौल भांपते हुए भाजपा ने अपने घोषित प्रत्याशी से नामांकन वापस लेने का आदेश दिया। हालांकि समयसीमा समाप्त हो जाने के बाद नामांकन वापस नही हो सका। इसके बाद भाजपा ने अपने घोषित प्रत्याशी का टिकट काट दिया और किसी को प्रत्याशी नही बनाया। लेकिन भाजपा अनिरुध्द को निर्विरोध अध्यक्ष बनावा देना चाहती थी और इसीलिए अपने प्रत्याशी से नामांकन वापस लेने का आदेश दिया था। ऐसे में भाजपा खुद चाहती थी कि अनिरुध्द यह चुनाव जीत जाएं।
By Mahesh Jaiswal