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लाकडाउन में कालीन उद्योग को मिली काम करने की छूट, मज़दूरों को भी मिलेगा काम

locationभदोहीPublished: Apr 30, 2020 11:23:47 pm

जर्मनी सहित कुछ देशों से कालीन की मांग आने की संभावना

Carpet factory

कार्पेट फैक्ट्री

भदोही. कोरोना वायरस से बचाव और रोकथाम के लिए किए गए लाकडाउन में ठप पड़े कालीन उद्योग को जिलाधिकारी ने राहत देते हुए कालीन कम्पनियों को कुछ छूट दिया है जो वर्तमान समय मे कालीन उद्योग के लिए संजीवनी साबित हो सकती हैं। कालीन कम्पनियों को रा-मटेरियल ले आने-ले जाने के साथ फिनिशिंग कार्य के लिए श्रमिकों से कार्य करने की छूट दी गई है। यह कार्य सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन करते हुए किये जाने का निर्देश दिया गया है।

 

गौरतलब हो कि कोरोना की वैश्विक आपदा में कालीन उद्योग और बुरा प्रभाव पड़ा है। कालीन के आयातक देश भी जहां कोरोना से त्रस्त हैं तो भारत मे भी कोरोना के कारण लाकडाउन चल रहा है। लाकडाउन के दौरान उद्योग में काम बंद होने के कारण भारी पैमाने पर बनी कालीनें फिनिशिंग के आभाव अधूरे पड़े हैं और अब जर्मनी सहित कुछ ऐसे देश हैं जहां कालीन की मांग शुरू होने वाली है और निर्यताको के पास पुराने ऑर्डर से सम्बंधित मांग आने लगी है। इसे देखते हुए निर्यताको के साथ हुई बैठक में जिलाधिकारी ने कालीन उद्योग को राहत देते हुए कम्पनियों में रा-मटेरियल लाने-जाने के साथ कम संख्या में श्रमिकों से काम लिए जाने की छूट दिया है।

 

छूट में शर्त है कि कम्पनी से 500 मीटर के इलाके के ही श्रमिक कम्पनी में काम करेंगे। कम्पनी में काम के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरा पालन किया जाना अनिवार्य होगा साथ ही हैंडवाश, सेनिटाइजेशन का भी पूरा प्रयोग किया जाएगा। निर्यताको का मानना है कि अधूरे पड़े कालीनों का काम पूरा हो जाएगा तो लाकडाउन खुलने या माल भेजने की छूट आते ही तत्काल कालीन निर्यात करने के लिए उद्योग तैयार रहेगा।

By Mahesh Jaiswal

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