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मोदी सरकार 12 हजार बुनकरों की तकदीर बदलने की तैयारी में

locationभदोहीPublished: Jul 17, 2019 03:36:33 pm

दुसरों के यहां काम करने वाले बुनकर बनाए जाएंगे अपने लूम के मालिक।

Narendra Modi

प्रतीकात्मक फोटो

महेश जायसवाल

भदोही. मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल में बुनकरों की तकदीर बदलने की कवायद शुरू हो गयी है। उनके लिये बेहतर योजनाओं पर काम हो रहा है। कालीन बुनकरों की दूसरों पर निर्भरता कम करने के लिये सरकार ने कदम बढ़ाया है। इसके तहत उन्हें उनके खुद के लूम से लैस किया जाएगा। इसका 80 फीसदी खर्च सरकार उठाएगी और महज 20 प्रतिशत ही बुनकर को देना होगा। अत्याधुनिक लूम मिलने के बाद वह न सिर्फ आत्मनिर्भर होंगे, बल्कि घर पर ही कालीन बुनाई का काम कर सेकंगे, जिससे कारपेट बेल्ट के गांवों में रोजगार में बढ़ोत्तरी होगी।
वस्त्र मंत्रालय के सहयोग से कालीन निर्यात संवर्धन परिषद और भारतीय कालीन प्रौद्योगिकी संस्थान की ओर से यह योजना चलायी जा रही है। सरकार का लक्ष्य है कि प्रशिक्षित बुनकरों को आधुनिक लूम से लैस किया जाय ताकि इस उद्योग को गति मिले और इसका लाभ इस पर आश्रित बुनकर परिवारों को मिले। इसी मकसद से प्रशिक्षित कालीन बुनकरों को हैंड नॉटेड कालीन बुनाई और टफ्टेड कालीन बुनाई के लिए योजना के तहत लूम और फ्रेम दिया जाएगा।
इसके तहत 22 हजार रुपये की लागत वाले लूम पर 80 फीसदी सब्सिडी दी जाएगी। इसके पीछे एक सोच यह भी है कि जब बुनकर लूम का मालिक बनकर काम करेगा तो उसकी कार्यक्षमता और उत्साह तो बढ़ेगा ही व हलूम परर अधिक समय देगा, जिससे इस कारपेट इंडस्ट्री में इजाफा होगा। बुनकरों की कमी से जूझ रहे कालीन उद्योग को इस समस्या से छुटकारा मिलेगा। आईआईसीटी भदोही में जाकर योजना के लिये आवेदन किया जा सकता है।
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