प्रयागराज जिले के अल्लापुर में रहने वाले ठेकेदार अभिषेक सिंह के सात साल के बेटे रणवीर सिंह का अपहरण उस समय किया गया था जब बच्चा जिम्नास्टिक क्लास करने गया था । ठेकेदार ने दो महीने पहले अपने जिस ड्राइवर संजय यादव को नौकरी से निकाला था उसी ने बच्चे का अपहरण किया था। संजय ने जिम्नास्टिक कोच से यह कहकर बच्चे को अपने कब्जे में लिया था कि बच्चे के परिजनों ने उसे लेने भेजा है।
बच्चे के अपहरण के बाद संजय यादव ने परिजनों से तीन करोड़ की फिरौती मांगी थी। फिरौती का फोन आने के बाद बच्चे के परिजनों ने इसकी सूचना प्रयागराज जिले की पुलिस को दी। पुलिस की कई टीमें बच्चे को बचाने में जुटी थीं। इसी दौरान सर्विलांस के जरिये क्राइम ब्रांच को अपहरकर्ता की लोकेशन मिली। पता चला कि वह भदोही जिले की तरफ भाग रहा है, जिसके बाद पुलिस टीम ने उसका पीछा किया और उसकी कार के टायर पर फायर किया।
टायर फटने के बाद भी अपहरणकर्ता कई किलोमीटर दूर तक उसी हालत में कार को लेकर भागता रहा। जब भी पुलिस की गाडी उसके नजदीक जाती तो वह असलहा निकालकर बच्चे को मारने की धमकी देता। जब कार एक कच्चे रास्ते पर जाकर रुक गई और अपहरणकर्ता कार से बाहर निकला तभी पुलिस ने उस पर फायरिंग शुरू कर दी पुलिस का दावा है की पुलिस की गोली उसके पैर में लगी जिसके बाद भी वह भागने की कोशिश में था, लेकिन जब उसे लगा की वह पुलिस से नहीं बच सकता तो उसने अपने सिर में गोली मार ली। पुलिस ने बच्चे को अपने कब्जे में लेकर अपहरणकर्ता को जिला अस्पताल भदोही में भर्ती कराया जहाँ डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
By Mahesh jaiswa।