बिहार के
शिवहर में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश भदोही जिले के सुरियावां थानान्तर्गत मतेथु गांव निवासी त्रिभुअन पाठक के बेटे के ससुराल में ही विधायक विजय मिश्रा के भतीजे की बेटी की भी शादी हुई है। उन्होंने दावा किया है कि 2012 में जब वह पूर्वी बिहार में CBI मजिस्ट्रेट थे तो विजय मिश्रा ने उनसे यूपी में अपने एक केस में पैरवी करने को कहा था, जिससे उन्होंने इनकार कर दिया, जिसके चलते वह उन्हें परेशान कर रहे हैं। गांव में एक जमीन के विवाद में भी विधायक कूदे और पुलिस को फोन कर कार्रवाई करने से रोका। इतना ही नहीं पड़ोस के गांव में एक त्रयोदशा कार्यक्रम के दौरान लोगों के सामने ही जमीन प्रकरण से अलग न रहने पर रेप और एससीएसटी एक्ट के झूठे आरोप में फंसाने व बेटे की नौकरी खत्म कराने की धमकी दी गयी। उन्होंने इस मामले में मुख्यमंत्री के पोर्टल पर शिकायत करते हुए लिखा था कि मुझे दूसरे माध्यम से धमकियां मिल रही हैं। विजय मिश्रा पूर्वांचल के माफिया डॉन हैं और परिवार के सदस्यों को परेशान कर रहे हैं। उनकी शिकायत के बाद भदोही के सुरियावां थाने में पुलिस ने विधायक विजय मिश्रा के खिलाफ धमकी देने की धारा में मुकदमा दर्ज किया है।
उधर इस मामले में विधायक भी मीडिया के सामने आए और उल्टा जज साहब पर ही भ्रष्टाचार का आरोप लगाया। उन्होंने प्रेसवार्ता कर अपने ऊपर लगे आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए जज त्रिभुअन पाठक को अपना रिश्तेदार बताया। दावा किया कि जज साहब खुद जमीन कब्जा करना चाहते हैं। लोग मेरे पास आए तब मैंने उन लोगों को न्याय दिलाने की कोशिश की। कहा कि जज रहते हुए त्रिभुअन पाठक ने अकूत सम्पत्ति अर्जित की है उनकी सम्पत्ति की जांच होनी चाहिये। इसके लिये मैंने बिहार सरकार व बिहार हाईकोर्ट को पत्र लिखा है।
By Mahesh Jaiswal