गौरतलब हो कि उत्तर प्रदेश सतर्कता अधिष्ठान की प्रयागराज शाखा ने विधायक और उनकी पत्नी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत आय से अधिक संपत्ति के मामले की खुली जांच शुरू की थी। जांच के दौरान पाया गया कि लोकसेवक पद पर रहते हुए विजय मिश्रा और उनकी पत्नी ने अवैध सम्पत्तियां बटोरीं। जांच में पाया गया कि 2002 से 2017 के बीच विधायक की संपत्ति 2.32 करोड़ थी लेकिन इसके तुलना में उनकी अर्जित की गई सम्पत्ति की कीमत 23.82 करोड़ पाई गई। इसे लेकर विजिलेंस ने हंडिया थाने में विधायक और उनकी पत्नी पर हंडिया थाने में मुकदमा दर्ज कराया है।
भदोही की ज्ञानपुर विधानसभा सीट से विधायक विजय मिश्रा और उनकी विधान परिषद सदस्य पत्नी रामलली मिश्रा के खिलाफ विजिलेंस ने आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू कर दी है। शुरुआती जांच में विजय मिश्रा और उनकी पत्नी की संपत्ति आय से 924 प्रतिशत अधिक पाई गई, जिसके बाद दोनों के खिलाफ प्रयागराज के हंडिया थाने में केस दर्ज कराया या है।
गौरतलब है कि विधायक विजय मिश्रा रिश्तेदार की सपत्ति पर कब्जा किये जाने के मामले में आगरा जेल में निरुद्ध हैं और इसी मामले में उनकी पत्नी अंतरिम जमानत पर हैं। जबकि उनके बेटा फरार चल रहा है। इसके साथ ही विधायक पर एक युवती ने भी दुष्कर्म का मामला दर्ज कराया है। विधायक विजय मिश्रा पर पिछले कुछ महीनों में लगातार अलग अलग कार्यवाईयां हो रही हैं। पिछले दिनों सरकारी जमीन पर किये गए अवैध कब्जे को तुड़वा कर जमीन कब्जा करने का भी मामला उनके खिलाफ दर्ज कराया गया है और उनके और उनके परिवार के नाम सात लाइसेंसी असलहों को भी निरस्त कर दिया गया।
विधायक विजय मिश्रा की भदोही जिले की राजनीति पर काफी अच्छी पकड़ मानी जाती है। वो लगातार चौथी बार यहां से विधायक चुने गए हैं। तीन बार समाजवादी पार्टी और इस बार निषाद पार्टी से लड़कर विधायक बने हैं। जिले के पंचायत चुनावों में उनका काफी दखल रहा है। वो खुद और उनकी पत्नी भदोही से जिला पंचायत अध्यक्ष रह चुके हैं। निवर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष काजल यादव को भी कुर्सी दिलाने में उन्हीं की भूमिका थी। पिछले महीनों जब प्रशासन ने विधायक पर शिकंजा कसना शुरू किया था विधायक ने कई राजनीतिक विरोधियों का नाम लेते हुए कहा था कि विरोधी उन्हें फर्जी मामले में फंसा कर जेल भेजवाना चाहते हैं ताकि वो जिला पंचायत पर कब्जा कर लें।
By Mahesh Jaiswal