सोमवार की शाम कक्षा पांच के छात्र उदय कुमार की जब तबियत बिगड़ी तो उसने मेंढक वाली घटना परिजनों को बताई। जिसके बाद मंगलवार की सुबह ग्रामीण विद्यालय पहुंचे और हंगामा खड़ा कर दिया ।
प्रधानाचार्य ग्यारह बजे विद्यालय पहुंचे तो ग्रामीणों ने स्कूल में घुसने नहीं दिया। इसी बीच किसी ने जिलाधिकारी विशाख जी को जानकारी दे दी। जिस पर जिला प्रशासन हरकत में आ गया। जिलाधिकारी के निर्देश पर बीएसए पीएन श्रीवास्तव एमडीएम प्रभारी अरबिंद मौर्य, एबीएसए केडी पांडेय विद्यालय पर जांच करने पहुंच गए। प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालय का एक ही स्थान पर भोजन बनता देख प्रधानाचार्य को जमकर फटकार लगाई व एमडीएम में मेंढक मिलने की बात प्रधानाचार्य की तरफ़ से स्वीकार करने के बाद रसोइयों को हटाने का आदेश दिया। इसके अलावा प्राथमिक विद्यालय व पूर्व माध्यमिक विद्यालय के सभी स्टाफों का अग्रिम आदेश तक वेतन आहरण पर रोक लगा दिया।
इसी बीच जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के सामने ही पूर्व माध्यमिक विद्यालय के एक अध्यापक पर कई बच्चों ने मारने पीटने व भर पेट भोजन न दिए जाने का आरोप लगाया। इस मामले में प्रधान रामचंद्र उर्फ मुन्ना पांडेय ने कहा कि, पूर्व माध्यमिक विद्यालय के छात्रों को 150 ग्राम व प्राथमिक विद्यालय के छात्रों को 100 ग्राम खाद्यान्न मिलता है।
input- महेश जायसवाल