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18 घंटे बाद सेना के जवान को दी गई अंतिम विदाई, बिलख कर रो पड़े गांव के लोग

locationभदोहीPublished: Nov 18, 2018 08:17:54 pm

Submitted by:

Ashish Shukla

शहीद का दर्जा न दिये जाने से नाराज थे परिजन

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18 घंटे बाद सेना के जवान को दी गई अंतिम विदाई, बिलख कर रो पड़े गांव के लोग

भदोही. छत्तीसगढ़ सशस्त्र बल के जवान वकील बिन्द का शव 18 घंटे के बाद परिजनों ने लिया। शहीद का दर्जा न दिये जाने से नाराज परिजन शव लेने से इनकार कर रहे थे। जिसके बाद आरएएफ के जवान वकील बिंद का शव घंटे से एम्बुलेंस में रखा रहा। आखिरकार डीएम को दिये मांगपत्र पर मिले आश्वासन के बाद परिजनों ने शव लिया और अंतिम संस्कार किया गया।
शव एम्बुलेंस से उनके घर लाया गया, जहां परिजनों ने जवान को शहीद का दर्जा देने की मांग करते हुए शव लेने से इनकार कर दिया। इसके शनिवार की रात रात से रविवार की सुबह तक शव एम्बुलेंस में ही पड़ा रहा। अधिकारियों ने परिजनों को मनाने की कोशिश की लेकिन वो नाकाम रहे। सुबह होते ही मृतक जवान के गांव में लोगों की भारी भीड़ इकट्ठा हो रही है।
छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में गुरुवार को जवान वकील बिंद का शव सड़क के किनारे मिला था। जवान वकील बिंद के घरवालों का कहना है कि उन्होंने अपने बेटे को जंग लड़ने के लिये ही भेजा था और अब वह शहीद हुआ है। वकील बिन्द भदोही जिले के ज्ञानपुर तहसील के मदनपुर के रहने वाले थे। वो छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में सुरक्षा बल में तैनात थे। बीते गुरुवार को उनका शव सड़क के किनारे पाया गया और पास ही उनकी बाइक भी मिली। बताया जा रहा है कि उनकी मौत सड़क हादसे में हुई। पोस्टमार्टम के बाद उनका का शव शनिवार की रात आठ बजे उनके घर मदनपुर लाया गया, लेकिन उनके परिजनों ने शव को तब तक लेने से इनकार कर दिया जब तक उन्हें शहीद का दर्जा न दे दिया जाय। मौके पर ज्ञानपुर सीओ और एसडीएम ने पहुंच कर परिजनों को मनाने की कोशिश की लेकिन वो असफल रहे। रविवार की सुबह तक मामले का कोई हल न निकलने से शव एम्बुलेंस में ही पड़ा रहा। रात में समाजवादी पार्टी के कई नेताओं ने भी मौके पर पहुंच कर जवान को शहीद का दर्जा देने की मांग की। वहीं भाजपा सांसद वीरेंद्र सिंह ने जवान के स्मृति में दस लाख रुपये देने की घोषणा की है जिससे उनकी यादों संजोने का काम किया जाएगा।
18 घंटे के बाद जवान के परिजनों ने एसडीएम को अपना मांग पत्र सौंपा। परिजनों की मांग थी की मृतक को शहीद का दर्जा मिले। परिवार के एक सदस्य को नौकरी व आर्थिक मद दी जाय़। जवान के घर पर गार्ड ऑफ ऑनर देकर निकली शव यात्रा हजारों की संख्या में ग्रामीणों ने नम आंखों से जवान को अंतिम बिदाई दी। बेहरोजपुर के गंगा घाट पर जवान के शव का अंतिम संस्कार किया गया।

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