कार्यालय निदेशक, चिकित्सा एतव स्वास्थ्य सेवा के निलंबन रिपोर्ट के मुताबिक भदोही जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने अवगत कराया था कि कोरोना के दूसरी लहर में 135 ऑक्सीजन सिलिंडर और पाइपलाइन की खरीद में जिला मुख्य चिकित्साधिकारी कार्यालय में तैनात कनिष्ठ लिपिक द्वारा घोर अनियमितता की गयी जिस रिपोर्ट पर लिपिक को निलंबित किया जाता है।
सूत्रों के मुताबिक कोरोना के दूसरे लहर में विभाग ने 135 सिलिंडर को 54 हजार रुपये में खरीद करने के लिए जिलाधिकारी से अनुमति मांगी थी और इसे लेकर जिलाधिकारी ने मुख्य विकास अधिकारी की अध्यक्षता में एक परीक्षण कमेटी गठित कर दिया। हालांकि 54 हजार की जगह विभाग ने 19500 हजार में सिलिंडर की खरीद की। लेकिन कोरोना की पहली लहर में स्वास्थ्य विभाग में 40 सिलिंडर 54 हजार के दर से खरीद किया था।
इसी मामले को लेकर आम आदमी पार्टी के राज्य सभा सांसद संजय सिंह ने भदोही के स्वाथ्य विभाग पर ऑक्सीजन घोटाले का आरोप लगाते हुए यूपी सरकार को कटघरे में खड़ा करना शुरू कर दिया। उन्होंने दस्तावेज उपलब्ध कराते हुए दावा किया कि यही सिलिंडर मिर्जापुर में 12500 हजार में खरीदा गया लेकिन भदोही में 54 हजार में सिलिंडर खरीद कर घोटाला किया गया। इसके बाद जब सीएमओ डाॅ. लक्ष्मी सिंह ने सफाई दी कि खरीद शासनादेश के मुताबिक हुई तो इसे लेकर संजय सिंह और मुखर हो गए। उन्होंने जांच की मांग करते हुए कहा था कि शासनादेश था तो 54 हजार में पूरे प्रदेश में खरीद की गयी होगी और यह एक बड़ा घोटाला है।
वहीं लिपिक के निलंबन के बाद एक बार फिर संजय सिंह ने ट्वीट करते हुए इस मामले में सवाल उठाए और कहा कि इस गड़बड़ी में सीएमओ जिम्मेदार है लेकिन कार्यवाही एक लिपिक पर कर पल्ला झाड़ा जा रहा है। इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्यवाही की जानी चाहिए।
By Mahesh Jaiswal