भदोही के रिटायर्ड ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा बने अरूणाचल प्रदेश के राज्यपाल, जिले में खुशी की लहर
1993 में अमृतसर से हाईजैक विमान को रेस्क्यू करने और 124 यात्रियों को बचाने में मुख्य भूमिका, पैतृक गांव कठौता में जश्न का माहौल

भदोही. जनपद के निवासी रिटायर्ड ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा को अरूणाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किए जाने के बाद उनके पैतृक गांव कठौता में जश्न का माहौल है। जैसे ही देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा बीडी मिश्रा को अरूणाचल प्रदेश का राज्यपाल नियुक्त किया गया, वैसे ही यह खबर लगते ही कठौता में उनके परिवार के लोगों ने जमकर आतिशबाजी की और मिठाईयां बांटी। सेना में रहने के दौरान ब्रिगेडियर बीडी मिश्रा ने कई ऐसे बड़े कार्य किए जिसे याद कर हर देशवासी का सीना गर्व से चौड़ा हो जाता है। उन्होंने 1993 में अमृतसर से हाईजैक हुए विमान से बिना किसी हानि के 124 यात्रियों को सकुशल बचाया था। साथ ही वे चीन-भारत युद्व व पाकिस्तान से हुए युद्व के दौरान भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं।
बीडी मिश्रा का जन्म 20 जुलाई 1939 में उनके पैतृक गांव कठौता में हुआ था। इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई उन्होंने भदोही से ही की है। इसके बाद इलाहबाद यूनिवर्सिटी से एमए, मद्रास यूनिवर्सिटी से एमएससी, जीवाजी यूनिवर्सिटी से पीएचडी की है। पढ़ाई के बाद उन्होंने सेना में अपनी सेवाएं दी। वे एनएसजी के कमांडर भी रह चुके हैं। सबसे खास था 1993 में जब वह एनएसजी के कमांडर थे, तब इंडियन एयरलाइंस अमृतसर हाईजैक मामले में उन्होंने बिना हानि के सभी 124 यात्रियों को सकुशल बचाया था। तब प्रधानमंत्री ने भी उन्हें इस साहसिक कार्य के लिए सम्मानित किया था। इसके आलावा भी सेना में रहते हुए उनके नाम कई बड़ी उपलब्धियां है। रिटायर होने के बाद आज जैसे ही यह खबर उनके गांव पहुंची तो पूरे गांव में जश्न का माहौल बना हुआ है पटाखे फोड़े जा रहे हैं। उनके घर पर गाजे बाजे के साथ परिजन नाच गाकर खुशियां बना रहे हैं और एक दूसरे को मिठाईयां खिला रहे हैं। उनके घर बधाई देने वालो का ताता लगा हुआ है।
नवनियुक्त राज्यपाल बीडी मिश्रा के भतीजे प्रभाकर मिश्रा ने बताया कि, उन्हें स्वच्छता से बहुत प्रेम है। सेना में रहने के दौरान भी वो जब भी गांव आते थे तो जहां भी गंदगी देखते थे उसे खुद ही साफ करने लगते थे। हम लोग मना करते थे कि परिवार के अन्य लोग यह कार्य कर लेंगे, लेकिन वो नहीं मानते थे। इस दौरान उनसे प्रेरणा लेते हुए परिवार के लोग भी साफ-सफाई के प्रति काफी ध्यान देने लगे। उन्होंने बताया कि जैसे ही उनके राज्यपाल बनने की खबर लगने के बाद से ही पूरा परिवार खुशियां मना रहा है। इतना बड़ा पद मिलने से कठौता गांव और जनपद का नाम और उंचाईयों पर पहुंचा है।
Input- महेश जायसवाल
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