ये है पूरा मामला यूपी के भदोही में कोतवाली में फरियादी की मौत की मौत हो गई है। मरने वाले की बेटियों और परिवार के लोगों ने इस मौत का जिम्मेदार पुलिस को ठहराया है। इस मौत को लेकर अब लोगों में भी गुस्सा बढ़ता जा रहा है। शनिवार को स्थानीय लोगों ने भदोही-गोपीगंज सड़क जाम कर दिया। लोग इस बात पर अड़े थे कि दोषी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाए। इसके बाद गुस्साए लोगों ने वाराणसी इलाहाबाद हाइवे भी जाम किया। लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि, पुलिस लीपापोती में जुटी है। सैकड़ों लोग परिजनों के साथ सड़क पर आ गए थे। परिजनों का आरोप है कि मृतक रामजी मिश्र की मौत पुलिस की पिटायी से हुई है। वह भाई से जमीन बंटवारे के निस्तारण के लिये फरियाद लेकर गए थे। तबीयत खराब होने के बावजूद उन्हें हवालात में डाल दिया गया था।
बता दें कि, भदोही जिले के गोपीगंज में फूलबाग के रहने वाले रामजी मिश्रा का अपने भाई से जमीन के बंटवारे को लेकर कोई विवाद था। दोनों भाई और उनके परिवार के लोग न्याय के लिये अपनी फरियाद लेकर कोतवाली गए थे। मृतबीच कहासुनी हो गई। इसक की बेअी दीपाली मिरा का आरोप है कि, पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में ही उनके पिता और चाचा के के बाद पुलिस वालों ने दोनों को थप्पड़ मारे और हवालात में बंद कर दिया। बेटी ने बताया कि उन लोगों ने पुलिस से गुहार लगाई कि उसके पिता बीमार हैं पर उनसे मिलने तक नहीं दिया गया और हवालात में ही उनकी मौत हो गयी। बेटी ने साफ कहा कि पिता की मौत की जिम्मेदार पुलिस ही है।
हवालात में रामजी मिश्रा की मौत ने पुलिस पर सवालिया निशान लग गया है। लोग इस बात पर सवाल उठा रहे हैं कि जब परिजन बार-बार गुहार लगा रहे थे कि रामजी मिश्रा बीमार हैं तो उन्हें हवालात में कैसे डाला गया और उसके बाद भी परिजनों को उनसे मिलने क्यों नहीं दिया गया।
input महेश जायसवाल