मखमली रंग बिरंगी खूबसूरत कालीनों के लिए भदोही परिक्षेत्र की वैश्विक स्तर पर अपनी अलग पहचान है, सालाना कालीन उद्योग से दस हजार करोड़ से ज्यादा का एक्सपोर्ट होता है जिसमे अकेले भदोही परिक्षेत्र की 50 फीसदी से ज्यादा की भागीदारी है l वाराणसी में सालाना लगने वाले इंडिया कारपेट एक्सपो से भदोही के कालीन उद्योग के साथ लाखों बुनकरों को काफी उम्मीदें होती है क्योकि यहाँ से जो आर्डर मिलते है उससे मिलने वाले काम से ही बुनकरों की आजीवीका चलती है l इस वर्ष वाराणसी के इस मेले में कई देशो के 400 से ज्यादा कालीन खरीददार आएंगे जबकि भारत के 230 कालीन निर्यातक अपने उत्पाद को प्रदर्शित करेंगे ।
कार्पेट एक्सपोर्ट प्रमोशन काउन्सिल के अध्यक्ष ने भदोही में प्रेस कांफ्रेस कर जानकारी दी कि इस मेले में सात देश के ऐसे कारोबारी भी शिरकत करेंगे जो अभी तक हमसे कालीन नहीं ख़रीदते थे वही विदेशो से आने वालो के लिए रहने और खाने की पूरी व्यवस्था काउन्सिल की तरफ रहेगी l इस फेयर में सबसे ज्यादा 57 खरीददार यूएसए से आ रहे है इसके अलावा चाइना से 36 ,आस्ट्रेलिया से 18 ,जर्मनी से 20 ,टर्की से 18 ,रसिया से 15 , इटली से 10 ,स्पेन से 13 समेत अभी तक 342 विदेशी खरीददारों ने अपना रजिस्ट्रेशन करा लिया है और अभी भी अन्य लोगो के रजिस्ट्रेशन जारी है l वाराणसी में लगने वाले फेयर को लेकर भदोही के निर्यातकों ने कई महीनो की मेहनत के बाद कई तरह की डिजाइन तैयार की है जिसके सैम्पिल वह स्टॉल में रखेंगे l इस मेले से कालीन उद्योग को काफी उम्मीदे है निर्यातकों के मुताबिक इस मेले से जो आसार दिख रहे है उससे लगता है कि उनका अच्छा कारोबार होगा l वहीं इस वर्ष जम्मू कश्मीर से 6 निर्यातक अपने स्टॉल लगाएंगे जम्मू कश्मीर के कारोबारियों के मुताबिक कश्मीर में जो हालात है उससे तत्काल में कालीन उद्योग को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। आपको बता दें कि कश्मीर से उच्च क्वालिटी की सिल्क की कालीन बनती है जिसकी डिमांड कई देशो में है ।
BY- MAHESH JAISWAL