scriptभरतपुर: किशोर गृह की ‘सलाखें’ तोडक़र फरार हुए 12 बाल अपचारी, तरीका जानकार हर कोई है हैरान | 12 children fled off from Day Care Center in Bharatpur | Patrika News

भरतपुर: किशोर गृह की ‘सलाखें’ तोडक़र फरार हुए 12 बाल अपचारी, तरीका जानकार हर कोई है हैरान

locationभरतपुरPublished: Jul 13, 2018 08:32:45 am

Submitted by:

Nakul Devarshi

https://www.patrika.com/rajasthan-news/

bharatpur
भरतपुर।

सेवर थाना इलाके में स्थित राजकीय बाल संप्रेषण एवं किशोर गृह के कमरे की खिडक़ी तोडक़र गुरुवार रात 12 बाल अपचारी फरार हो गए। रात करीब साढ़े 10 बजे की घटना बताई जा रही हैं। जबकि बाल कल्याण समिति अध्यक्ष सरोज लोहिया से बात की तो उन्होंने बताया कि इस बारे में पुलिस अधिकारियों को अवगत कराया गया है।
जानकारी के अनुसार पिछले करीब तीन साल से मथुरा बाईपास के पास स्थित नए भवन में बाल सम्प्रेषण एवं किशोर गृह का संचालन किया जा रहा है। गुरुवार को विभिन्न मामलों में निरुद्ध 12 बाल अपचारियों को एक कमरे में रखा गया था। रात करीब पौने 10 बजे रसोईया या अन्य कोई कर्मचारी बच्चों को देखने पहुंचा तो वहां खिडक़ी टूटी पड़ी थी और सभी बच्चे गायब थे। इसकी सूचना प्रभारी को दी गई।
इस पर सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे। आसपास तलाश के बाद भी कोई बच्चा नहीं मिला तो सेवर थाना पुलिस को सूचना दी गई। इस पर एसएचओ अनिल डोरिया मौके पर पहुंचे और उच्च अधिकारियों को प्रकरण से अवगत कराया गया।
बच्चों की तलाश के लिए सभी थानों की पुलिस को सूचना दी गई। तब जाकर शहर के सेवर, मथुरा गेट, अटलबंद, उद्योगनगर पुलिस ने अलग-अलग स्थानों पर तलाश शुरू की। लेकिन रात साढ़े 12.30 बजे तक कोई भी बच्चा नहीं मिल सका।
इधर, कर्मचारियों ने बताया कि बच्चे दोपहर से ही अन्य दिनों की तुलना अलग सा व्यवहार कर रहे थे। सभी बार-बार एक जगह बैठकर बात कर रहे थे। ऐसे में आशंका है कि बच्चों ने दोपहर से ही खिडक़ी तोडक़र भागने की योजना बना ली थी। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि खिडक़ी तोडऩे की आवाज भी चौकीदार या अन्य किसी कर्मचारी को नहीं आई। साथ ही रात साढ़े 12 बजे कोतवाली थाना पुलिस की ओर से एक बच्चे को पकडऩे की बात सामने आई। लेकिन एसएचओ ने कुछ भी बोलने से इनकार किया।
पांच सितंबर 2016 को भी भाग चुके यहां से ही छह बच्चे
बाल संप्रेषण गृह कई बार विवादों में रहा है। पूर्व में नवंबर 2015 में राजेंद्र नगर में संचालन के दौरान नाबालिगों से यौन शोषण का मामला उठा था। इसके बाद स्थान बदल गया। फिर पांच सितंबर 2016 को भी शौचालय की दीवार तोडक़र छह बच्चे भाग गए थे। लेकिन उस समय भी बच्चों को वापस लाने के बाद मामले की जांच तक नहीं कराई गई थी।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो