scriptआश्रय स्थल में ऐसा आसरा…पांच महीने में 130 गोवंश की मौत, घूमते हैं श्वान | 130 bovine killed in five months, dogs roam | Patrika News

आश्रय स्थल में ऐसा आसरा…पांच महीने में 130 गोवंश की मौत, घूमते हैं श्वान

locationभरतपुरPublished: May 27, 2020 01:43:35 pm

Submitted by:

Meghshyam Parashar

-सुभाष नगर स्थित गोवंश आश्रय स्थल का मामला

आश्रय स्थल में ऐसा आसरा...पांच महीने में 130 गोवंश की मौत, घूमते हैं श्वान

आश्रय स्थल में ऐसा आसरा…पांच महीने में 130 गोवंश की मौत, घूमते हैं श्वान

भरतपुर. हाल में ही नगर निगम में उपजे विवाद के बाद खुद नगर निगम के पार्षद व मेयर ने निरीक्षण कर सुभाष नगर स्थित गोवंश आश्रय स्थल की व्यवस्थाओं पर सवाल उठाया था। आश्रय स्थल में पिछले पांच माह के रिकॉर्ड पर नजर डालें तो यहां 130 गोवंश की मौत हो गई है। पत्रिका ने मंगलवार को जब यहां व्यवस्थाओं को देखा तो हकीकत निकल कर सामने आई। जानकारी के अनुसार नगर निगम की ओर से शहर में पकड़े गए गोवंश को गोवंश आश्रय स्थल में रखने की व्यवस्था की जाती है। यहां एक हौज में पानी भरा हुआ था, जो कि गंदा था। मोटर की कोई व्यवस्था नहीं है। दूसरी हौज क्षतिग्रस्त पड़ी हुई है। उसे भरा नहीं जाता है। बाहर की ओर से टिनशैड नहीं है। कीचड़ जमा है। आश्रय स्थल में 28 दिसंबर 2019 से लेकर मई 2020 तक 130 गोवंश की मौत हुई है। इसमें कारण भी गोवंश के बीमार होकर आने, सांडों की आपस में लड़ाई, गोशाला की छोटी चारदीवारी के कारण श्वानों के अंदर आने के कारण मौत की बात कही जाती है।
निरीक्षण सिर्फ मजाक….दानदाताओं का नहीं है कोई रिकॉर्ड

हकीकत यह है कि हाल में ही निरीक्षण के दौरान सामने आया था कि गोशाला में दानदाताओं की ओर से हारा व सूखा चारा दान करने वाले भामाशाहों का भी कोई रिकॉर्ड नहीं था। खुद निगम प्रशासन की ओर से भी दावा किया गया था तो हरा चारा निगम उपलब्ध नहीं कराता है। खुद निगम ही भूसा की व्यवस्था करता है। जबकि हकीकत यह है कि मेयर की ओर से गठित कमेटी ने ऐसे दानदाताओं की भी सूची तैयार की जा रही है कि किस भामाशाह ने कब दान में कितना चारा भिजवाया था।
पार्षद कपिल फौजदार बोले: सिर्फ झूठ के अलावा कुछ भी नहीं है

पार्षद कपिल फौजदार ने बताया कि सिर्फ झूठ के अलावा मौके पर कुछ भी नहीं है। पिछले दिनों निरीक्षण के बाद मेयर के निर्देश पर कमेटी गोशाला व आश्रय स्थल के प्रकरणों की जांच कर रही है। जल्द ही सभी साक्ष्यों के साथ रिपोर्ट प्रस्तुत की जाएगी। ताकि दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। साथ ही व्यवस्थाओं में सुधार के लिए कमेटी की ओर से सिफारिश की जाएगी।
-पानी की मोटर के आदेश कर दिए थे, अगर नहीं लगी है तो एक-दो दिन के अंदर लगवाई जाएगी। आश्रय स्थल की व्यवस्थाओं को बेहतर किया जा रहा है। निगम प्रशासन की ओर से कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है।
नीलिमा तक्षक
आयुक्त नगर निगम

ट्रेंडिंग वीडियो