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जिले में 161 वर-वधुओं ने थामा एक-दूजे का हाथ

locationभरतपुरPublished: Feb 25, 2020 10:56:46 pm

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pramod verma

भरतपुर. आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बेटे-बेटियों को विवाह बंधन में बांधकर विदा करना महापुण्य का कार्य है।

जिले में 161 वर-वधुओं ने थामा एक-दूजे का हाथ

जिले में 161 वर-वधुओं ने थामा एक-दूजे का हाथ

भरतपुर. आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों के बेटे-बेटियों को विवाह बंधन में बांधकर विदा करना महापुण्य का कार्य है। इस महा कार्य में जिले में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने फुलैरा दूज पर सामूहिक विवाह सम्मेलन के माध्यम से भरपूर दान-दहेज देकर 161 वर-वधुओं की शादी कराकर परिणय सूत्र में बांधा। इसमें मुख्य ये रहा कि पहली बार कौमी सद्भाव कमेटी के सम्मेलन में एक बौद्ध धर्म के वर-वधु का विवाह भी हुआ। वहीं दो मुस्लिम जोड़ों ने कबूल है-कबूल है कहते हुए निकाह किया।
शहर में सैन महासभा, महात्मा ज्योतिबा फुले माली समाज उत्थान समिति, दक्ष प्रजापति, श्रीराम-जानकी सेवा भारती समिति, कौमी सद्भाव कमेटी आदि ने 115 व बयाना में सैनी समाज ने 46 वर-वधुओं के विवाह कराए। चहुंओर धूमधाम से बारात की निकासी निकाली गई। बैंडबाजों की धुनों पर बारात में शामिल लोग नाचते-गाते निकले। वहीं विवाह स्थल पर पहुंचकर तोरण मारने के बाद वरमाला पहनाई और अग्नि के सात फेरे व मुस्लिम वर-वधुओं ने निकाह में कबूल कहकर एक-दूजे का हाथ थामकर जीवन भर साथ निभाने का वचन दिया। भारी संख्या में लोगों ने दान-पुण्य किया।
श्री सैन महासभा भरतपुर ने मंगलवार को चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग के आतिथ्य में शिवनगर स्थित सैन छात्रावास में 20 जोड़ों के फेरे कराकर एक-दूजे का साथ निभाने का वचन दिलवाया। बारात की निकासी गांधी पार्क से शुरू की गई। विवाह स्थल पर दुल्हों ने तोरण मारकर वरमाला पहनाई। इसके बाद पंडितों ने फेरे कराए। शादी के बाद दुल्हा-दुल्हन को बैड, गद्दा, आलमारी, रजाई, तकिया-चादर, एलईडी, कुर्सी, 51 बर्तन, एक सोने की नथ व टीका, चांदी की आधी कमर की कौंधनी, पायजेब, अंगूठी, मंगलसूत्र व कुंडल आदि दिए। कार्यक्रम में एक्सईएन बनैसिंह, रामनिवास शास्त्री, शहर अध्यक्ष बदनसिंह, जिलाध्यक्ष गोपीचंद, ग्रामीण अध्यक्ष शिव कुमार, सम्मेलन अध्यक्ष महेश ठाकुर, प्रभुदयाल, लाखन सिंह, रमेश, राजेंद्र, रतिराम, पूरनसिंह आदि ने व्यवस्थाएं देखी।
वहीं श्रीराम-जानकी विवाह सम्मेलन, सेवा भारती समिति के तत्वावधान में 12 जोड़ों को परिणय सूत्र में बांधा गया। यह सम्मेलन व्यवसायी रजनी अग्रवाल के आतिथ्य में हुआ। वहीं मुख्य वक्ता डॉ.आचार्य कौशल किशोरदास थे। बारात कोतवाली से शुरू होकर कुम्हेर गेट होते हुए सरकूलर रोड स्थित पाŸव वाटिका पहुंची, जहां तोरण मारने के बाद वरमाला और अग्नि के फेरे कराए गए। समिति ने बैड,गद्दा, आलमारी, रजाई, तकिया-चादर, एलईडी, कुर्सी, पांच सोने-चांदी के जेवर व गृहस्थी का सामान देकर विदाई की।
इसी तरह दक्ष प्रजापति समाज समिति ने एमएसजे कॉलेज से आगे समाज के 25 जोड़ों का विवाह कराया। इसमें मुख्य अतिथि चिकित्सा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष गर्ग थे। समिति ने विवाह के बाद दुल्हा-दुल्हन को फ्री, टीवी, आलमारी, सिलाई मशीन, सोने-चांदी की पांच चीजें, बर्तन, पंखा, लहंगा फरिया, बैडसीट, ड्रेसिंग टेबल, तकिया, रजाई, श्रंगार का सामान, हाथ की घड़ी आदि कन्यादान में दिया।
वहीं महात्मा ज्योतिबा फुले माली समाज उत्थन समिति की ओर से आरबीएम अस्पताल परिसर में 14 जोड़ों को विवाह बंधन में बांधा। इसमें मुख्य अतिथि मंजू-मुकेश चेयरमैन व विशिष्ट अतिथि डॉ. सुभाष गर्ग, हरिचैतन्यपुरी, देवी लाल सैनी, उपमहापौर गिरीश चौधरी, किशोर सैनी, भगवत कटारा आदि थे। अध्यक्षता पार्षद रामेश्वर दयाल सैनी थे। बारात में बैंडबाजों की धुनों पर बाराती नाचते हुए निकले। शादी के बाद समिति ने चार चांदी व एक सोने का जेवर दिया। वहीं 15 हजार की एफडी, पांच कपड़े, 21 बर्तन व घरेलू सामान देकर विदा किया।
इसके अलावा कौमी सद्भाव कमेटी संस्था की ओर से 44 जोड़ों का विवाह नुमाइश मैदान में कराया। इनमें दो मुस्लिम व एक बौद्ध धर्म के वर-वधु थे। वहीं 41 जोड़े हिंदू समाज के थे। एक ओर मंत्रों का शोच तो दूसरी ओर हाजी ने निकाह कराया। इन्हें 15 हजार रुपए, पांच सोने-चांदी के जेवर, फ्रीज, टीवी, आलमारी, ज्यूसर, सिलाई मशीन, गैस सिलेंडर, प्लॉट, बैड, गद्छा रजाई, हाथ घड़ी आदि सामान देकर विदाई की।
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